सत्य से प्रीति और आत्म कल्याण

प्रतिदिन सत्य से प्रीति करते रहो तो एक दिन मन के सब दोष, कल्मष, मैल दूर हो जायेंगे मैल दूर होते ही संसार के असत्य से मुक्ति मिल जायेगी सत्य से ही मोक्ष मंजिल तक पहुंचा जा सकता है

प्रत्येक दिन के अंन्तर्गत जीवनधारा प्रवाहित होनी चाहिये ताकि असार संसार के मोह माया से मुक्ति मिले और आत्मा को परम शांति मिले उस में ही मानव जीवन का कल्याण है ।

संसार में जो दिखाई दे रहा है,वह मात्र सपना है, संसार का मायाजाल है, सब झूठा है । सदा शाश्वत रहनेवाला नहीं है । संत कहते है, सत्य ही शाश्वत है । सच्चा है, इसे जानो और समझो, इसी से मानव जीवन का कल्याण है ।

परमात्मा की भक्ति करने के लिये खुद के श्रम की रोटी खाना बहुत जरूरी है । क्योंकि बेईमानी की रोटी उत्पात करती है आलस, अनीति असत्य व्यवहार को जन्म देती है । जिससे बुद्धि मलिन हो जाती है और भक्ति मे बाधा आती है । इसी लिये श्रम को अधिक महत्व देना चाहिये ।

निश्चय ही संसार झूठा है, देह झूठी है, सम्पर्क झूठा है, जिधर देखो अधिकतर झूठा ही झूठा है । मात्र एक सत्य ही शाश्वत है । इसलिये सत्य से हमेशा प्रीती करो । इसे जानो, सत्य को ही धारण करो । सत्य से ही बंधन से मुक्ति मिलेगी।

मनुष्य संसार मे सच्चाई की कसौटी पर खरा उतरने के बाद ही जन्म और मृत्यु युक्त संसार सागर से मुक्त हो सकता है । जब तक जीवन में सत्य नही तो भव भ्रमण चलता ही रहेगा ।

संत कहते है ! ब्याजखोरों का अन्न, दहेज लोभी का अन्न, छल-कपट से उपार्जन किया गया अन्न, यह सब अनीति का अन्न समझ कर इसे त्यागो, क्योंकि ऐसा सेवन किया हुआ अन्न ईर्ष्या, अज्ञान और आलस्य ही पैदा करता है । जिससे परमात्म भक्ति, सेवाभाव, परोपकार में बाधा पहुंचती है । जीवन में नीति-न्याय से चलना चाहिये ।

संत कहते है ! संसार में बहुत से जीव अपने हास्य क्रीड़ार्थ एवं मनोरंजन के लिये जाने अंजाने में हिंसा करते है, वे अज्ञानी व्यर्थ ही उन प्राणियों के साथ अनेक जन्म के लिये वैर बढ़ाते है । अतः विवेकी मनुष्य को ऐसे कार्यो से बचना चाहिये…



Keep loving the truth every day, then one day all the defects, impurities, dirt of the mind will be removed, as soon as the dirt is removed, you will get freedom from the untruth of the world, only through the truth can you reach the destination of salvation.

The stream of life should flow in each day so that one gets freedom from the illusion of the world and the soul gets ultimate peace, in that lies the welfare of human life.

What is visible in the world is just a dream, the illusion of the world, everything is false. It is not eternal. Saints say, truth is eternal. It is true, know and understand it, this is the welfare of human life.

To do devotion to God, it is very important to eat the bread of one’s own labour. Because the bread of dishonesty creates laziness, unrighteousness gives birth to untruthful behavior. Due to which the intellect becomes dirty and there is an obstacle in devotion. That’s why labor should be given more importance.

Definitely the world is false, the body is false, the contact is false, wherever you look most of the false are false. Only one truth is eternal. That’s why always love the truth. Know this, follow the truth only. Only through truth will you get freedom from bondage.

The world of birth and death can be free from the ocean only after the human being has passed the test of truth in the world. As long as there is no truth in life, the journey of life will go on.

Saint says! The food of the usurer, the food of dowry greedy, the food earned by deceit, discard all this considering it as the food of unrighteousness, because the food consumed in this way only creates jealousy, ignorance and laziness. Due to which there is an obstacle in devotion to God, service and charity. In life, we should follow policy and justice.

Saint says! Many living beings in the world do violence knowingly and unknowingly for their humor and entertainment, those ignorant people unnecessarily increase enmity with those living beings for many births. Therefore, a wise man should refrain from such actions.

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