यमुनाजी के बिना नहीं होती पुष्टि भक्ति की प्राप्ति।

images 50

यमुनाजी अलौकिक निधि भगवान श्रीकृष्ण की प्राप्ति कराने वाली हैं । जो वैष्णव अष्टप्रहर यमुनाजी के नामों का उच्चारण करता है उसे वह भगवान की निकुंज लीला में प्रवेश करा देती हैं । क्योंकि भगवान श्रीराधाकृष्ण यमुनाजी के तट पर ही रास विहार करते हैं । रास लीला में प्रवेश केवल गोपियों को है किन्तु कृष्णप्रिया श्रीयमुनाकी कृपा से यह अलौकिक फल भी वैष्णव प्राप्त कर लेता है कि उसे भगवान का दिव्य वेणुनाद भी सुनाई देने लगता है ।

भगवान श्रीकृष्ण की रासलीला में प्रवेश और उसका दर्शन—यही पुष्टि भक्ति का फल है जिसकी प्राप्ति यमुनाजी की कृपा से सहज ही हो जाती है ।

यमुनाजी का ध्यान..
ॐ श्यामामम्भोजनेत्रां सघनघनरुचिं रत्नमंजीरकूजत्
कांचीकेयूरयुक्तां कनकमणिमये बिभ्रतीं कुण्डले द्वे ।
भ्राजच्छ्रीनीलवस्तां स्फुरदमलचलद्धारभारां मनोज्ञां
ध्यायेन्मार्तण्डपुत्रीं तनुकिरणचयोद्दीप्तदीपाभिरामाम् ।

अर्थात्—जो श्याम वर्ण की और सोलह वर्ष की अवस्था वाली हैं, जिनके नेत्र खिले हुए कमल की शोभा को छीन लेते हैं, मेघ के समान जिनकी नील कान्ति है, जो रत्नों से बने और बजते हुए नूपुर और झनकारती हुई करधनी व केयूर आदि आभूषण पहने हैं, जिनके कानों में सोने और मणियों के कुण्डल हैं, चमकती हुई नीली साड़ी पर गजामुक्ता के हार पहने बहुत सुन्दर दिखाई देती हैं, जिनके शरीर की आभा जलती हुई दीपमाला के समान है, उन सूर्यनन्दिनी यमुनाजी का मैं ध्यान करता हूँ 🌷💦

shri_yamunaji



Yamunaji is the one who will get the supernatural wealth of Lord Krishna. The Vaishnava who pronounces the names of Ashtaprahar Yamunaji, he makes him enter the Nikunj Leela of God. Because Lord Shriradhakrishna does Raas Vihar on the banks of Yamunaji only. Only gopis are allowed to enter Raas Leela, but by the grace of Krishnapriya Shriyamun, Vaishnav also gets this supernatural fruit that he starts hearing the divine Venunaad of God.

Entering Lord Krishna’s Rasleela and seeing him – this is the fruit of confirmed devotion, which is achieved easily by the grace of Yamunaji.

Yamunaji’s meditation.. ॐ Dark-skinned, lotus-eyed, with a dense, dense taste, she whispered a jewel-like chain She wore a golden necklace and two earrings made of gold and gems. She was dressed in a shining blue dress and was loaded with sparkling spots and charming One should meditate on the daughter of Mārtaṇḍa, whose lights are illuminated by heaps of thin rays.

Means-who is dark in color and sixteen years old, whose eyes take away the beauty of a blooming lotus, whose blue glow is like a cloud, who is made of gems and rings nupur and ornaments like girdle and keyur etc. I meditate on Yamunaji, the goddess of the sun, who has earrings of gold and pearls in her ears, looks very beautiful wearing Gajamukta necklace on a shining blue saree, whose body glows like a burning lamp 🌷💦 shri_yamunaji

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter
Share on pinterest
Share on telegram
Share on email

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *