मृत्यु के बाद सबकुछ यही रह जाता है

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मृत्यु होने पर सारी चीजें यहाँ तक शरीर भी यहीं रह जाती है।आत्मा सूक्ष्म शरीर है और इसके साथ केवल पाप पुण्य जाता है।अतः जो क्षण आप को मिला है उसमें सत्कर्म करें।——

मृत्यु अटल सत्य है।

एक आदमी की मृत्यु सन्निकट थी ।उसने देखा कि यमराज भगवान उसके पास आ रहे हैं और उनके हाथ में एक सूट केस है।

यमराज ने कहा ,”पुत्र चलो अब समय हो गया।

आश्चर्यचकित होकर आदमी ने जबाव दिया , “अभी इतनी जल्दी? अभी तो मुझे बहुत काम करने हैं।मैं क्षमा चाहता हूँ किन्तु अभी चलने का समय नहीं है।आपके इस सूट केस में क्या है?”

यमराज ने कहा , “तुम्हारा सामान।”

आदमी ने कहा,”मेरा सामान? आपका मतलब है कि मेरी वस्तुएं, मेरे कपड़े, मेरा धन?”

यमराज ने प्रत्युत्तर में कहा ,” ये वस्तुएं तुम्हारी नहीं हैं। ये तो पृथ्वी से सम्बंधित हैं।

आदमी ने पूछा ,” मेरी यादें?”

भगवान ने जबाव दिया ,” वे तो कभी भी तुम्हारी नहीं थीं।वे तो समय की थीं।”

फिर तो ये मेरी बुद्धिमत्ता होंगी?

यमराज ने फिर कहा ,” वह तो तुम्हारी कभी भी नहीं थीं।वे तो परिस्थिति जन्य थीं।”

तो ये मेरा परिवार और मित्र !

यमराज ने जबाव दिया ,” क्षमा करो ,वे तो कभी भी तुम्हारे नहीं थे। वे तो राह में मिलने वाले पथिक थे।

फिर तो निश्चित ही यह मेरा शरीर होगा?

यमराज ने मुस्कुरा कर कहा , वह तो कभी भी तुम्हारा नहीं हो सकता क्योंकि वह तो राख है।

तो क्या यह मेरी आत्मा है?

यमराज ने कहा ,”नहीं ,यह तुम्हारी आत्मा के पाप पुण्य का लेखा-जोखा है।”

भयभीत होकर आदमी ने कहा के हाथ से सूट केस ले लिया और उसे खोल दिया यह देखने के लिये कि सूट केस में क्या है।वह सूट केस खाली था।

आदमी की आँखों में आंसू आ गये और उसने कहा,”मेरे पास पाप पुण्य के अतिरिक्त कभी भी कुछ नहीं था।”

यमराज ने जबाव दिया ,” यही सत्य है। प्रत्येक क्षण जो तुम्हें मिला था, वही तुम्हारा था।जिंदगी क्षणिक है और वे ही क्षण तुम्हारे हैं।”

इस कारण जो भी समय आपके पास है, उसे सद्मार्ग पर चलते हुए भरपूर जियें।आज में जियें।अपनी जिंदगी जियें।

खुश होना कभी न भूलें, यही एक बात महत्त्व रखती है।

भौतिक वस्तुएं और जिस भी चीज के लिये आप यहाँ लड़ते हैं, मेहनत करते हैं।आप यहाँ से कुछ भी नहीं ले जा सकते हैं !सिर्फ़ पाप पुण्य ही ले जा सकते हैं।हमे जब भी समय मिले आत्म चिन्तन करते रहे भगवान का नाम सिमरण करते रहे भगवान का नाम हमारा सबसे बड़ा धन है भगवान नाम हमें मन से पाप नहीं करने देता है जय श्री राम

हर हर महादेव



When death occurs, all things, even the body, remain here. The soul is a subtle body and only sin and virtue go with it. So do good deeds in the moment you have got it.——

Death is the absolute truth.

Death of a man was imminent. He saw Lord Yamraj coming to him and he had a suit case in his hand.

Yamraj said, “Come on son, now is the time.

Surprised, the man replied, “So soon? I have a lot of work to do now. I’m sorry but there’s no time to go. What’s in your suit case?

Yamraj said, “Your belongings.”

The man said, “My stuff? You mean my things, my clothes, my money?”

Yamraj replied, “These things are not yours. They are related to the earth.

The man asked, “My memories?”

God replied, “She was never yours. She was of time.”

Will it be my intelligence then?

Yamraj said again, “She was never yours. She was a circumstance.”

So this is my family and friends!

Yamraj replied, “Sorry, they were never yours. They were the wanderers who met on the way.

Then surely this will be my body?

Yamraj smiled and said, he can never be yours because he is ashes.

So is this my soul?

Yamraj said, “No, this is the account of the sins and virtues of your soul.”

Frightened, the man said that he took the suit case from his hand and opened it to see what was in the suit case. The suit case was empty.

Tears welled up in the man’s eyes and he said, “I never had anything except sin and virtue.”

Yamraj replied, “That is the truth. Every moment you got was yours. Life is momentary and those moments are yours.”

Because of this, whatever time you have, live it to the fullest by walking on the right path. Live in today. Live your life.

Never forget to be happy, this is the only thing that matters.

Material things and whatever you fight for here, you work hard. You can’t take anything from here! Only sin can take away virtue. Whenever we get time, keep meditating on God’s name Simran Keep doing God’s name is our biggest wealth, God’s name does not allow us to sin with our mind Jai Shri Ram

Everywhere Shiva

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