सत्य विनायक पूर्णिमा व्रत व पूजा विधि वैशाख मास को बहुत ही पवित्र माह माना जाता है, इस माह में आने वाले त्यौहार भी इस मायने में खास हैं। वैशाख मास की एकादशियां हों या अमावस्या सभी तिथियां पावन हैं, लेकिन वैशाख पूर्णिमा का अपना महत्व माना जाता है। वैशाख पूर्णिमा को महात्मा बुद्ध की जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।
वैशाख पूर्णिमा का महत्व –
वैशाख पूर्णिमा का हिंदू एवं बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिये विशेष महत्व है। महात्मा बुद्ध की जयंती इस दिन मनाई जाती है इस कारण बुद्ध के अनुयायियों के लिये तो यह दिन खास है ही लेकिन महात्मा बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवां अवतार भी बताया जाता है जिस कारण यह हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिये भी बहुत महत्वपूर्ण दिन माना जाता है।
वैशाख पूर्णिमा पर रखें सत्य
विनायक व्रत –
वैशाख पूर्णिमा पर सत्य विनायक व्रत रखने का भी विधान है। मान्यता है कि इस दिन सत्य विनायक व्रत रखने से व्रती की सारी दरिद्रता दूर हो जाती है। मान्य है कि अपने पास मदद के लिये आये भगवान श्री कृष्ण ने अपने मित्र सुदामा (ब्राह्मण सुदामा) को भी इसी व्रत का विधान बताया था जिसके पश्चात उनकी गरीबी दूर हुई। वैशाख पूर्णिमा को धर्मराज की पूजा करने का विधान है मान्यता है कि धर्मराज सत्यविनायक व्रत से प्रसन्न होते हैं। इस व्रत को विधिपूर्वक करने से व्रती को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता ऐसी मान्यता है।
वैशाख पूर्णिमा व्रत व पूजा विधि
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वैशाख पूर्णिमा पर तीर्थ स्थलों पर स्नान का तो महत्व है
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इस दिन व्रती को जल से भरे घड़े सहित पकवान आदि भी किसी जरूरतमंद को दान करने चाहिये। स्वर्णदान का भी इस दिन काफी महत्व माना जाता है। व्रती को पूर्णिमा के दिन प्रात:काल उठकर स्नानादि से निवृत हो स्वच्छ होना चाहिये। तत्पश्चात व्रत का संकल्प लेकर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिये। रात्रि के समय दीप, धूप, पुष्प, अन्न, गुड़ आदि से पूर्ण चंद्रमा की पूजा करनी चाहिये और जल अर्पित करना चाहिये। तत्पश्चात किसी योग्य ब्राह्मण को जल से भरा घड़ा दान करना चाहिये। ब्राह्मण या किसी जरूरतमंद को भोजन करवाने के पश्चात ही स्वयं अन्न ग्रहण करना चाहिये। सामर्थ्य हो तो स्वर्णदान भी इस दिन करना चाहिये।आज लक्ष्मीजी की का भी पूजन खास है।
Satya Vinayak Purnima Vrat and Worship Method Vaishakh month is considered a very holy month, the festivals coming in this month are also special in this sense. Whether it is the Ekadashi of Vaishakh month or Amavasya, all the dates are holy, but Vaishakh Purnima is considered to have its own importance. Vaishakh Purnima is also celebrated as the birth anniversary of Mahatma Buddha.
Significance of Vaishakh Purnima – Vaishakh Purnima has special significance for the followers of Hinduism and Buddhism. The birth anniversary of Mahatma Buddha is celebrated on this day, so this day is special for the followers of Buddha, but Mahatma Buddha is also said to be the ninth incarnation of Lord Vishnu, due to which it is also considered a very important day for the followers of Hinduism. Is.
Keep the truth on Vaishakh Purnima Vinayaka Vrat –
There is also a law to observe Satya Vinayak fast on Vaishakh Purnima. It is believed that keeping Satya Vinayak fast on this day removes all the poverty of the fast. It is believed that Lord Krishna, who came to him for help, had also told his friend Sudama (Brahmin Sudama) the law of this fast, after which his poverty was removed. There is a law to worship Dharmaraja on Vaishakh Purnima, it is believed that Dharmaraja is pleased with Satyavinayak fast. By observing this fast methodically, there is a belief that the devotee does not have the fear of premature death.
Vaishakh Purnima Vrat and Worship Method , The importance of bathing at pilgrimage sites on Vaishakh Purnima , On this day, the fasting person should donate food along with a pitcher filled with water to the needy. Gold donation is also considered to be of great importance on this day. The fasting should wake up early in the morning on the full moon day, retire from bathing and be clean. After that, taking the resolution of fasting, Lord Vishnu should be worshipped. At night, full moon should be worshiped with lamps, incense, flowers, food, jaggery etc. and water should be offered. Thereafter, a pot filled with water should be donated to a deserving brahmin. One should take food himself only after providing food to a Brahmin or any needy. If there is power, then gold donation should also be done on this day. Today, worship of Lakshmiji is also special.