ईश्वर और जीवात्मा दोनों एक है,

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हरे कृष्णा हरे रामा

सागर में पानी और पानी का बुलबुला दोनों एक ही चीज है ठीक उसी प्रकार ईश्वर और जीवात्मा दोनों एक ही है, बस फर्क इतना है की ईश्वर सागर की तरह अनंत तो जीवात्मा बुलबुले की तरह सिमित है । जब तक हमारे मन में इच्छा है तब तक हमे ईश्वर की प्राप्ति नहीं हो सकती है । ईश्वर की कृपा पाना है तो अपना जीवन समाज भलाई में लगाना चाहिए । जब फूल खिलता है तो मधुमक्खी बिना बुलाये आ जाती है और हम जब प्रसिद्द होंगे तो लोग बिना बताये हमारा गुणगान करने लगेंगे । ईश्वर के अनेकों रूप और अनेकों नाम है और अनेक तरीको से ईश्वर की कृपा दृष्टि प्राप्त किया जा सकता है और हम ईश्वर को किस नाम या किस तरह से पूजा करते है यह उतना महत्वपूर्ण नही है जितना की हम अपने अंदर उस ईश्वर को कितना महसूस करते है ।एक बार ईश्वर का नाम लेते ही हमारा दिल आनंद से भर जाता है। आनन्द से भरे दिल में समर्पण भाव जाग्रत हो जाता है जय श्री राम 🙏🙏

जय जय श्री राधे राधे🙏🙏🙏



Hare Krishna Hare Rama

The water in the ocean and the bubble of water both are the same thing, in the same way both God and the soul are the same, the only difference is that God is infinite like the ocean and the soul is limited like a bubble. As long as there is desire in our mind, we cannot attain God. If you want to get the grace of God, then you should spend your life in the welfare of the society. When a flower blooms, the bee comes uninvited and when we become famous, people will start praising us without telling us. God has many forms and many names and God’s grace can be obtained in many ways and by what name or how we worship God, it is not as important as how much we feel that God within us. Our heart is filled with joy once we recite the name of God. Dedication awakens in a heart full of joy Jai Shri Ram 🙏🙏

Jai Jai Shri Radhe Radhe🙏🙏🙏

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