माणिक्यं
ततो रावणनीतायाः सीतायाः शत्रुकर्शनः।
इयेष पदमन्वेष्टुं चारणाचरिते पथि।।
(यह सुन्दरकाण्ड का पहला श्लोक है, रत्न- माणिक, ग्रह- सूर्य)
तब रावण के द्वारा हरी गयी (अपहृत) सीता की खोज में शत्रुकर्शन (शत्रुओं के संहारक, हनुमान) चरण चिन्हों से बने पथ पर आगे बढ़े।
मुत्यं
यस्य त्वेतानि चत्वारि वानरेन्द्र यथा तव।
स्मृतिर्मतिर्धृतिर्दाक्ष्यं स कर्मसु न सीदति।।
(रत्न- मोती, ग्रह- चन्द्र)
हे वानर-राज! आपके पास स्मृति, मति (बुद्धि), वेग (गति) और दाक्ष (अपने कार्य में पूर्ण ध्यान) के चार गुण हैं जिससे आप कर्मों के बंधन में नहीं बंधते हैं।
प्रवालं
अनिर्वेदः श्रियो मूलं अनिर्वेदः परं सुखम्।
अनिर्वेदो हि सततं सर्वार्थेषु प्रवर्तकः।।
(रत्न- मूंगा, ग्रह- मंगल)
अनिर्वेद (स्वावलंबी, जो किसी के वश में न हो, स्वयं के कार्य करने में सक्षम हो)
धन प्राप्ति का मूल है, अनिर्वेद होना परम सुख है, अनिर्वेद होना ही सभी कार्यों को पूर्ण करता है।
मरकतं
नमोऽस्तु रामाय सलक्ष्मणाय, देव्यै च तस्यै जनकात्मजायै।
नमोऽस्तु रुद्रेन्द्रयमानिलेभ्यः, नमोऽस्तु चन्द्रार्कमरुद्गणेभ्यः।।
(रत्न- पन्ना, ग्रह- बुध)
श्रीराम को लक्ष्मण सहित नमस्कार है, उनकी जनकनंदिनी देवी को नमस्कार है। रुद्र, इंद्र, यम, और अग्नि को नमस्कार है। चन्द्र, सूर्य और मरुत (वायु) देवता को नमस्कार है।
पुष्यरागं
प्रियान्न सम्भवेद्दुःखं अप्रियादधिकं भयम्।
ताभ्यां हि ये वियुज्यन्ते नमस्तेषां महात्मनाम्।।
(रत्न- पुखराज, ग्रह- बृहस्पति)
इच्छाओं से दुःख संभव (उत्पन्न) होता है, घृणा से भय उत्पन्न होता है। महात्माओं को नमन करके तुम उस भय से मुक्त हो सकते हो।
हीरकं
रामः कमलपत्राक्षः सर्वसत्त्वमनोहरः।
रूपदाक्षिण्यसम्पन्नः प्रसूतो जनकात्मजे।।
(रत्न- हीरा, ग्रह- शुक्र)
श्रीराम के कमल नयन सर्वस्व का सार और अति मनोहर हैं, वे रूप और तर्क से संपन्न हैं, जनक नंदिनी उनकी प्रसूता (साथी) हैं।
इन्द्रनीलं
जयत्यतिबलो रामो लक्ष्मणश्च महाबलः
राजा जयति सुग्रीवो राघवेणाभिपालितः।
दासोऽहं कोसलेन्द्रस्य रामस्याक्लिष्टकर्मणः
हनुमान् शत्रुसैन्यानां निहन्ता मारुतात्मजः।।
(रत्न- नीलम, ग्रह- शनि)
अति बल से परिपूर्ण राम की जय हो, महाबली लक्ष्मण की जय हो। श्रीराघव के द्वारा संरक्षित राजा सुग्रीव की जय हो। कोसलाधीश राम के सभी कठिन कार्यों को पूर्ण करने वाले शत्रु सेना के संहारक और मारुति के पुत्र हनुमान का मैं दास हूँ।
गोमेधिकं
यद्यस्ति पतिशुश्रूषा यद्यस्ति चरितं तपः।
यदि वास्त्येकपत्नीत्वं शीतो भव हनूमतः।।
(रत्न- गोमेद, ग्रह- राहु)
यदि मैंने अपने पति की ठीक प्रकार सेवा की है, यदि मेरा चरित्र निर्मल है, यदि मैं आदर्श पत्नी हूँ, तो हनुमान शान्ति करें।
वैदूर्यं
निवृत्तवनवासं तं त्वया सार्धमरिन्दमम्।
अभिषिक्तमयोध्यायां क्षिप्रं द्रक्ष्यसि राघवम्।।
(रत्न- वैदूर्य या लहसुनिया, ग्रह- केतु)
आपका वनवास शीघ्र ही पूर्ण होगा, आप शीघ्र ही अपने अर्धांग (पति) से मिलेंगी। आपका अयोध्या में अभिषेक होगा, आप शीघ्र ही राघव के समक्ष होओगी।
।। इति श्रीआञ्जनेय नवरत्नमाला स्तोत्रम् सम्पूर्णम् ।।
ऑलंपिक
श्रीहनुमते नमः
Ruby
Then the enemy of Sita taken by Ravana
He has come to seek his foothold on the path of Charana
(This is the first verse of Sunderkand, Gem- Ruby, Planet- Sun)
Then in search of Sita who was lost (abducted) by Ravana, Shatrukarshan (the destroyer of enemies, Hanuman) proceeded on the path made of footprints.
death
“O lord of monkeys he has these four possessions like yours
Memory, intelligence, patience, dexterity, he never fails in his actions.
(Gem – Pearl, Planet – Moon)
Hey monkey-king! You have the four qualities of Smriti, Mati (intelligence), Veg (speed) and Daksha (full attention to your work) by which you do not get bound by the bondage of Karmas.
Coral
Anirveda is the root of prosperity, and Anirveda is the supreme happiness.
For anirveda is always the promoter of all purposes.
(Gemstone- Coral, Planet- Mars)
Anirveda (Self-reliant, who is not under anyone’s control, able to do his own work)
Wealth is the root of attainment, being immortal is the ultimate happiness, being immortal only completes all tasks.
dying
“Obeisances to Rama along with Lakshmana and to that goddess daughter of Janaka
Obeisance to the winds, the senses of Rudra, and to the hosts of the moon, sun and Maruts.
(Gemstone- Emerald, Planet- Mercury)
Salutations to Shri Ram along with Laxman, salutations to his Janakandini Devi. Salutations to Rudra, Indra, Yama and Agni. Salutations to the Moon, Sun and Marut (air) deity.
Pushyaraag
There can be no more pain in the beloved than fear in the unpleasant.
I salute those great souls who are separated from them
(Gemstone- Topaz, Planet- Jupiter)
Sorrow is possible (arising) from desires, fear arises from hatred. You can get rid of that fear by bowing down to the Mahatmas.
Diamonds
Rama with eyes like lotus petals is delightful to all beings
Endowed with beauty and genius he was born to the daughter of Janaka
(Gemstone- Diamond, Planet- Venus)
Shri Ram’s lotus eyes are the essence and most beautiful of all, He is endowed with form and reason, Janak Nandini is his Prasuta (companion).
indranilam
Victory to mighty Rama and mighty Lakshmana
King Sugriva ruled by Rama is victorious
I am a servant of Rama the king of Kosala whose actions are effortless
Hanuman son of the Windgod destroyer of enemy armies
(Gemstone- Sapphire, Planet- Saturn)
Hail to the mighty Ram, Hail to the mighty Lakshmana. Hail to King Sugriva, protected by Shri Raghav. I am the slave of Hanuman, the son of Maruti, the destroyer of the enemy army, who completes all the difficult tasks of Kosaladhish Rama.
Onyx
If there is service to her husband if there is austerity practiced
If there is a monogamy be cool with Hanuman.
(Gemstone- Onyx, Planet- Rahu)
If I have served my husband well, if my character is pure, if I am an ideal wife, then Hanuman pacifies.
Vaiduryam
That subduer of enemies who has ceased to live in the forest is with you
You will soon see Rama installed in Ayodhya
(Gemstone- Vaidurya or Garlic, Planet- Ketu)
Your exile will end soon, you will meet your better half (husband) very soon. You will be anointed in Ayodhya, you will soon be in front of Raghav.
।। This is the complete Sri Anjaneya Navaratnamala Stotram.
Olympic
Ome Sri Hanuman