क्या वो करेगा लेके चडावा सब कुछ त्याग के बेठा कही,
भक्त नही वो भला है ढूंडता गुण देखे गुणगान नही
भक्त नही वो भला है ढूंडता गुण देखे गुणगान नही
तू मंदिर फिर आया तू नाम मन्त्र सब जप आया,
जीवन में अब भी न सकूँ भोले का मन में वास नही,
क्यों मन मन्दिर तेरा खाली है क्यों खाली खुद मैं झाँक कभी,
भक्त नही वो भला है ढूंडता गुण देखे गुणगान नही
ये भोला है भंडारी है इसे पूरी दुनिया प्यारी है,
देवो का ये दानव का भी इस के मन भेद का भाव नही,
श्रधा नही देखे गा तेरी जब मन ही तेरा साथ नही,
भक्त नही वो भला है ढूंडता गुण देखे गुणगान नही
Will he do it but give up everything and sit somewhere,
Not a devotee he is good
I do not say that faith is bad, but karma scales the same religion.
Not a devotee he is good
You came again to the temple, you all chanted the name mantra,
I still can’t do it in life, the naive does not reside in my mind,
Why is the temple of your mind empty, why empty myself, I never peep,
Not a devotee he is good
He is innocent, he is a Bhandari, he is loved by the whole world,
Even this demon of gods has no sense of difference in his mind,
Shraddha will not see you when your mind is not with you,
Not a devotee he is good