मोर भंगिया का मनाई दे ओ भेरो नाथ
मोर जोगियां का मनाई दे बातमोरी बिगड़ी बनाई दे,
मोर भंगिया का मनाई दे ओ भेरो नाथ
तेरे द्वार जो भी आये मन चाहा फल पा जाए
शंकर का प्यारा है तू दुखियो का सहारा है तू
तेरी कही सुनते है बाबा शिव पे चड़े तेरा चडावा भोला से हम को मिलाई दे,
मोर भंगिया का मनाई दे ओ भेरो नाथ
भाघ्म्भर तन पर सोहे नाग की माला मन को मोहे
अंग भभूत बैल सवारी कर त्रिशूल डमरू धारी,
चडती है बेल के पाती भले बुरे सब के साथी,
इक बार दर्श दिखाई दे
मोर भंगिया का मनाई दे ओ भेरो नाथ
गंगा जल देवो के देवा
राजी हो करते है सेवा
तीजा नयन जब जब खोले तीनो लोक डगमग डोले,
भगतो को तार दिया है जग के लिए जेहर पिया है,
थोडा सा उनको जगाई दे भेरो नाथ
मोर भंगिया का मनाई दे ओ भेरो नाथ
Mor Bhangia Ka Maanai De O Bhero Nath
Let the peacock jogis be celebrated, make the batmori spoiled,
Mor Bhangia Ka Maanai De O Bhero Nath
Whatever comes to your door, you will get the desired fruit.
You are the beloved of Shankar, you are the supporter of the sad.
Somewhere you hear, Baba shiv pe chade tera chadava, mix us with Bhola,
Mor Bhangia Ka Maanai De O Bhero Nath
The garland of a serpent sleeping on the body of a heavy body captivates the mind.
Riding a horned bull, wearing a trident, damru,
Whether it is bad for everyone,
see once
Mor Bhangia Ka Maanai De O Bhero Nath
God of Ganga Jal Devo
agree to serve
Teja Nayan, when all the three worlds were opened,
Have wired the devotees, have drank poison for the world,
Wake them up a little bit, Bharo Nath
Mor Bhangia Ka Maanai De O Bhero Nath