तप में है मगन जोगिया शंकरा
जटा की छटा में सज रहे दिंगबरा
तप में है मगन जोगिया शंकरा
भक्त वसल बोले शम्बू किरपालु है
दुःख भंजन दुःख हरी शिव दयालु है,
शिव रटो शिव शिव भजो लेंगे सुध गंगाधरा
तप में है मगन जोगिया शंकरा
लिख रहा है ॐ कार बेलपत्र पर चमन
अद्भुत भेष प्रभु का निरखे धरा गगन
शोभित गले भुजंग है बसन बाघमबरा,
तप में है मगन जोगिया शंकरा
Jogiya Shankara is engrossed in penance
Dingbra adorned in the shade of Jata
Jogiya Shankara is engrossed in penance
Bhakt Vasal said Shambhu is Kirpalu
Sorrow Bhanjan Sorrow Hari Shiva is merciful,
Shiv Rato Shiv Shiv Bhajo will take Sudh Gangadhara
Jogiya Shankara is engrossed in penance
writing chaman on car vine
Wonderful disguise of Lord Gagan
Shobhit throat Bhujang Hai Basan Baghambra,
Jogiya Shankara is engrossed in penance