कावर उठा के जय भोले की कहना चाहए,
बम भोले बम केहना चाहीये,
हरिद्वार में धुबकी लगा के कंधे पे कावाड को उठा के,
भोले नाथ को मन में वसा के उसकी मस्ती में मगन रहना चाहिए,
बम भोले बम केहना चाहीये…………
बरसे बदलियाँ होले होले मस्ती में नाचे खुद भोले,
दीवाने सब मिल के भोले जैकारो में भी दम होना चाहिए,
बम भोले बम केहना चाहीये………….
भोले नाथ की मस्ती छाई कवार्दियो ने धूम मचाई,
ॐ नाम की धुनी रमा के भोले की मस्ती में मगन रहना चाहिए,
बम भोले बम केहना चाहीये……………
गंगा जल भोले पर चड़ा हो मन चाहा वर वर्धन पाओ,
किशन भोला तेरा गुण गावे मोहित का उधार होना चाहए,
बम भोले बम केहना चाहीये………….
The Kavar wakes up and wants to say Jai Bhole,
Want to say bomb naive bomb,
In Haridwar, he felt the dhubki and lifted the kawad on his shoulder.
Bhole Nath should be engrossed in his fun with fat in his heart,
I want to say bum bhole bam…………
Bhole himself dancing in the fun of Holi, it rained,
The innocent Jakaro of Deewane Sab Mill should also have power.
Bum naive bomb kehne hai………….
Bhole Nath’s fun, Kawardio made a splash,
One should be engrossed in the fun of Rama’s innocence,
I want to say bum bhole bam……………
May the Ganges water stand on the innocent, wish to get blessings,
Kishan Bhola Tera Gun Gave should be a loan of Mohit,
Bum naive bomb kehne hai………….