शिव नाम के सहारे पापी भी मुक्ति पाए,
भजले नमय शिवाय जपले नमय शिवाय,
तंत्रो का तंत्र है ये मंत्रो का मंत्र है ये,
ब्रम्हांड जानता है यंत्रो का यन्त्र है ये,
धरती ने इसको गाया आकाश गुण गुणाए,
भजले नमय शिवाय जपले नमय शिवाय,
लंका विजय से पहले श्री राम ने रटा है,
शिव नाम जब जपा है रावण का सर कटा है,
भोले की बस दया से लंका को जीत पाए,
भजले नमय शिवाय जपले नमय शिवाय,
ऐसा कवच ना दूजा करले जो इसको धारण,
उसके दुखो का होता पल भर में ही निवारण,
इन पांच अक्षरों में संसार है समाए,
भजले नमय शिवाय जपले नमय शिवाय,
सांसो की लय पे ‘लख्खा’ इस मंत्र को तू गाले,
रेखाए जो बुरी हैं किस्मत की सब मिटा ले,
ऐ बेधड़क जो भटके मंजिल वो अपनी पाए,
भजले नमय शिवाय जपले नमय शिवाय,स्वरलखबीर सिंह लक्खा
Even sinners can be liberated with the help of Shiva’s name.
Bhajale Namay Shivaya Japle Namay Shivaay,
This is the tantra of the tantras, this is the mantra of the mantras,
The universe knows that it is a machine of machines,
The earth sang it, the sky multiplied its qualities,
Bhajale Namay Shivaya Japle Namay Shivaay,
Before the conquest of Lanka, Shri Ram has memorized,
When the name Shiva is chanted, Ravana’s head is cut off,
Just by the kindness of the innocent, they could conquer Lanka,
Bhajale Namay Shivaya Japle Namay Shivaay,
Do not wear such a armor that wears it,
His sorrows would have been resolved in a moment,
The world is contained in these five letters,
Bhajale Namay Shivaya Japle Namay Shivaay,
You chant this mantra ‘Lakhkha’ on the rhythm of your breath,
The lines which are bad, erase all the luck of luck,
O fearless one who wanders, he finds his destination,