कावड़िया चले देखो भोला मनाने,
कावड़िया चले देखो गंगा नहाने,
तीन लोक के स्वामी शम्भू बेडा पार लगावे,
कावड़िया चले देखो ….
तन पे तेरे बसम रमाये तीन लोक में तू ही समाये,
चले है भोले द्वारे तेरे हे त्रिपुरारी भोले भंडारी बाबा तुम्हारी जय जय हो,
कावड़िया चले…
कंधे पर है कावड़ लाये दर्शन को दोड़े चले आये,
दास कमल तेरे गुण गाये आशु भी भोले को मनाये,
गंगा जल भोले को चड़ाए रज रज के तेरा दर्शन पाए,
हे परमेश्वर हे गंगा धर बाबा तुम्हारी जय जय हो,
कावड़िया चले…….
Let’s go to Kavadia to celebrate Bhola,
Watch Kavadia go to take a bath in the Ganges,
Shambhu, the lord of the three worlds, should cross the boat,
Kavadia go see….
Your body is filled with your soul in the three worlds.
You are gone by the innocent, O Tripurari, Bhole Bhandari Baba, your jai jai ho,
Kavadia go…
Kavad is on his shoulder,
Das Kamal sang your virtues, let Ashu also celebrate the innocent.
Offering Ganga water to the innocent, get your darshan of Raja Raj,
O God, O Ganga Dhar Baba, your jai jai ho,
Kavadia go……