रेहमत बरसा देना तू फागुन आया है
गंगा के जल को लाने का मौसम आया है
कंधे पे उठा के जल चलते ही जाना है,
जल को ले जा के शिवलिंग पे चढ़ाना है
शिव के द्वारे पे सारा संसार आया है
भोले बाबा तेरी यह जुदाई सही जाए ना
बिन तुझको देखे भोले मुझको चैन आये ना
आजाना तू मेरे पास आया मैं दरबार में
कितनी रात गुजारी है तेरे इंतज़ार में
कैसे बताऊँ ओ भोले नाथ मेरे
मैंने श्रद्धा और मन से तुम्हे ध्याया है
सब कुछ छोड़ के आया मैं, फागुन आया है
भक्ति का नशा यह भोले मन में मेरे छाया है
जो भी आज हूँ मैं, भोले सारी तेरी माया है
अँखियाँ कब से तरस रहीं थी तेरे इस दीदार को
आया तेरे चरणो में, भोले मुझको प्यार दो
अब न कभी तू मुझसे होना जुदा
बड़ी मुश्किल से भोले तुझे पाया है
खुशीआं बरसादेना तू, फागुन आया है
Give rain, you have come Phagun
The season has come to bring the water of the Ganges.
Water has to go by lifting on the shoulder,
Carry water and offer it on Shivling
The whole world has come through Shiva
Bhole baba, this separation of yours is right, isn’t it?
Without seeing you, I may feel at ease, don’t you?
You came to me today, I am in the court
How many nights have you spent waiting for you?
How can I tell, O Bhole Nath, my
I have meditated on you with faith and heart
I came after leaving everything, Phagun has come
The intoxication of devotion is my shadow in this innocent mind
Whoever I am today, innocent is all your illusion
Since when were the eyes longing for this vision of yours
Came at your feet, innocently give me love
now you will never be away from me
I have found you with great difficulty
You shower happiness, Fagun has come