बोलो जय जय जय खाटूनरेश की,
जय जय बाबा श्याम ।।
जय जय बाबा श्याम
बोलो जय जय बाबा श्याम
सिद्ध पीठ है खाटू नगरी,
ज्योत अखण्ड श्याम की जग’री,
बारूं महीना दुनिया बग’री,
दिन-दिन होय मनौती तगड़ी,
है इतणो सरनाम ।। बोलो….
साँचो श्यामदेव बलकारी,
शरणागत की बिपदा टारी,
कलियुग मं श्री श्याम बिहारी,
जे हो जाय हुकम सरकारी,
होज्या पूरण काम ।। बोलो….
भक्त पैलड़ा इक्का-दुक्का,
शब्द जिणा का था अणचुक्या,
मंदरियै कै बीच धडूक्या,
बाबै कै आगै जद कूक्या,
देर ना लागी त्याम ।। बोलो….
बाढ़ आ रही इब भगतां की,
बण्या ठगौरा मारै फांकी,
पिस रह्या लोग बिना ही चाकी,
पैंड-पैंड पर भगत-भगतणी,
भरल्यो चाहै गोदाम ।। बोलो….
अण को एक्सपोर्ट कोई कर दे,
पाणी कै बोटां मं भर दे,
छाप लगा सरकारी धर दे,
मिलै विदेशी मुद्रा फड़दे,
उठै मोकळा दाम ।। बोलो….
होय विदेशां मांही चरचा,
फॉरेन मं फेर देसी परचा,
गोरमेन्ट सब भरसी खरचा,
सुणकै साँच लागसी मिरचा,
हो जाय चक्को जाम ।। बोलो….
टेंडर जे कोई भरदे आं-को,
बोली छूट्यां पीज्या नाको,
बढ्यो जाय तो बिगड़ै खाको,
फाको नहीं कोई भगतां मं,
कर लई नीत हराम ।। बोलो….
श्यामधणी थे ही किरपा कीज्यो,
सेवकियां की सुध ले लीज्यो,
थां चरणां की भगती दीज्यो,
थां पर दाता जीव पतीज्यो,
गिरतै नै ल्यो थाम ।। बोलो….
श्यामबहादुर दास तिहारो,
आई – अणआई नै टारो,
सुकृत हो गयो मिनख जमारो,
थे ही ‘शिव’ का कारज सारो,
दर को श्याम गुलाम ।। बोलो….
जग’री = जल रही, प्रज्जवलित
बग’री = सतत जारी, प्रवाहित
पैलड़ा = पहले वाले, पुराने
अणचूक्या = अचूक ● चाकी = चक्की
धडूक्या = गरजना, आवाज उठाना
कूक्या = करुण पुकार, अरदास
त्याम = किंचित मात्र ● पैंड = कदम
बोटां = जहाज ● मोकळा = अत्यधिक
पतीजना = विश्वास करना, मोहित होना
आई-अणआई = होनी-अनहोनी
Say jai jai jai to Khatunresh, Jai Jai Baba Shyam. Jai Jai Baba Shyam say jai jai baba shyam Siddha Peeth is Khatu city, Jyot Akhand Shyam Ki Jag’ri, Barun month world bug’ri, Day by day hoy manauti strong, This is the surname. Say…. mold Shyamdev Balkari, Refugees’ troubles, Shri Shyam Bihari in Kali Yuga, Je ho jaye hukam government, Hojya complete work. Say…. Devotee Pailda a few, The word Jina was Anchukya, Mandariya kai beach dhadukya, Babai kai aaye jd kukya, It’s not too late. Say…. Ib Bhagtan’s flood is coming, Banya thagoura killed, Pissed people without any chalk, Bhagat-Bhagatani on Panda-Pand, Bhallyo want a warehouse. Say…. Somebody should export grains. Fill me with bottles of water, Put an impression on the government, Found foreign exchange flutter, Raise the price. Say…. Hoy foreign country foreign me fer desi pacha, Gourment is all really good, Sunkai mold lagasi chili, Let’s go chakko jam. Say…. Tender je koi bharde aan-ko, Bid discounts pizza nako, If you grow up, you will eat poorly. No phaco, no bhagatan me, Niet haram kar liye. Say…. Shyamdhani was the only Kirpa Kijyo, Take care of the servants, Than Charan’s Bhagti Dijyo, But the donor souls, Fallen nai lyo thaam.. Say…. Shyam Bahadur Das Tiharo, I – aai nai taro, You have become happy, Minakh Jamaro, He was the cause of ‘Shiva’, Saro Shyam Ghulam to the rate. Say…. Jag’ri = burning, ignited Bug’ri = continuing, flowing pailda = earlier, older Anchukya = infallible chaki = mill Dhadukya = to roar, to raise voice Kukya = call of compassion, ardas tyam = little by little panda = step botan = ship mokala = excessive Patijana = to believe, to be fascinated I-anii = happen-unhappy