भोले तेरी काँवर की है महिमा अपार,
जो श्रदा से लाया हुआ उसका बेडा पार,
ओ बोलो औघड़ नाथ बम बम,
इक दुखियाँ वेचारी फिरती थी मारी मारी,
उसे दुनिया ने ठुकराया जीवन से अपने हारी,
एक भक्त राज से भेट हुई उसने दुखियाँ को समजाया,
सावन की कांवड़ महिमा का महातम उसको बतलाया,
शिव जी होते है मस्त मलंग ये रूप भी उसको दिखलाया,
ओ बोलो औघड़ नाथ बम बम,
सुनके शिव की महिमा उस अबला ने ये ठान लिया,
मैं कांवड़ लेकर जाऊ गी उस पर उसने संकल्प लिया
ले कॉंवड शिव क्व धाम गई दुखड़ा उसको बतलाया,
भक्ति से उसकी हो प्रश्न बाबा ने उसको दर्श दियां,
संसार आसार है सार नहीं ये सार ही उसको समजाया,
ओ बोलो औघड़ नाथ बम बम,
The glory of your innocent person is immense,
The one who has brought from Shraddha has crossed his fleet,
O say Aughad Nath Bam Bam,
One of the sorrows was wandering around, killed and killed,
The world rejected him, he lost his life,
A devotee met Raj, he understood the sorrows,
The greatest of the kanwar glory of Sawan told him,
Shiva ji is the coolest Malang, this form was also shown to him,
O say Aughad Nath Bam Bam,
Hearing the glory of Shiva, that Abla decided that,
I will go with the kanwar, he resolved on that
Le Convad Shiva went to the place of sorrow and told him,
Baba showed him the question of his devotion.
The world is a possibility, not the essence, it is the essence that understood it,
O say Aughad Nath Bam Bam,