परमात्मा आनंद दाता है प्रभु प्राण नाथ के प्रेम में भक्त डुब जाता है तब हर घङी परमात्मा के ध्यान में रहता है। परमात्मा शरीर नहीं है फिर भी भक्त के दिल मे भगवान प्रकट रहते हैं। भगवान बोलते नहीं है। भक्त भगवान के साथ हर क्षण बात करता है भक्त को हर रूप मे भगवान की झलक दिखाई देती है। भक्त शब्द रूप दे नहीं सकता है वाणी मौन हो जाती है जय श्री राम
अनीता गर्ग
God is the giver of joy, when the devotee is immersed in the love of Prabhu Pran Nath, then every watch remains in the meditation of God. God is not a body, yet God remains manifest in the heart of the devotee. God does not speak. The devotee talks with the Lord every moment, the devotee sees the glimpse of the Lord in every form. Words cannot give form to a devotee; speech becomes silent. Jai Shri Ram Anita Garg