ईश्वर के संबंध में इतनी बातें अवश्य ही दृढ़ता पूर्वक हृदय में धारण कर लेनी चाहिए कि ईश्वर है, सर्वत्र है,सर्वांतर्यामी है, सर्व शक्तिमान है, सर्वव्यापी है , सर्व दिव्य गुण संपन्न है,सर्वज्ञ है, सनातन है, नित्य है,परम प्रेमी है,परम सुहृद है, परम आत्मीय है, और परम गुरु है।
इन गुणों में उस से बढ़कर या उसकी जोड़ी का दूसरा जगत में ना कोई हुआ, न है , और न हो सकता है।
So many things about God must be firmly held in the heart that God is everywhere, omnipresent, all powerful, omnipresent, possessing all divine qualities, omniscient, eternal, eternal, supreme lover. He is supremely warm, supreme soulful, and supreme guru.
In these qualities there is no one greater than him or his pair in the other world, nor is there, nor can there be.