“दांत” चाहे कितनी भी बार
“जीभ’ को काटे,
फिर भी वे दोनों साथ रहते हैं
और साथ काम करते हैं.
यही “क्षमा” व “संबंध” की भावना है
“teeth” no matter how many times Cut the “tongue” yet they both live together and work together. This is the spirit of “forgiveness” and “relationship”.