चीनके बादशाहका मन्त्री शाहचांग बहुत थक गया था। उस दिन उसे सबेरे ही बादशाहके सम्मुख एक रिपोर्ट रखनी थी। आधी राततक जागते हुए वह अपने सहायक से रिपोर्ट लिखवाता रहा। रिपोर्ट पूरी करके वह उठा और अपने शयनकक्षकी ओर जाने लगा। इसी समय उसका सहायक भी उठा, किंतु सहायककी असावधानीसे लैम्पको धक्का लग गया। लैम्प गिर पड़ा।सब कागज तेलमें भीग गये और उनमें आग लग गयी। सहायकका तो मुख ही सूख गया ‘काटो तो खून नहीं।’ मन्त्री महोदय लौट पड़े। उन्होंने धीरेसे कहा ‘यह संयोगकी बात है, तुम्हारा कोई अपराध तो है नहीं। बैठो, हम दोनों फिरसे उस रिपोर्टको तैयार कर लेंगे।’ अपने आसनपर वे बैठ गये और कागजोंको सम्हालकर रिपोर्ट लिखवाना आरम्भ कर दिया।
Shah Chang, the minister of the emperor of China, was very tired. That day he had to put a report in front of the king early in the morning. Staying awake till midnight, he got his assistant to write the report. After completing the report, he got up and started going towards his bedroom. At the same time his assistant also got up, but due to the helplessness of the assistant, the lamp was shocked. The lamp fell. All the papers got drenched in oil and caught fire. The assistant’s face dried up. ‘Bite, there is no blood.’ The minister returned. He said softly, ‘It is a matter of coincidence, you don’t have any crime. Sit, we both will prepare that report again.’ He sat on his seat and handling the papers started writing the report.