दानी राजा

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फारसके राजा साइरसने राजा क्रोसियसको बंदी बना लिया। साइरस बड़े दानी और उदार थे। उनके राज्यमें गरीबी और विवशताका नाम लेना पाप समझा जाता था। प्रजा स्वस्थ, सुखी और समृद्ध थी।

“यदि इस तरह आप दान देनेमें ही नित्यप्रति अपना खजाना खाली करते रहेंगे तो आप कुछ ही दिनोंके बाद कंगाल हो जायँगे। यदि आप अपना धन बचाते रहेंगे तो निस्संदेह अपार सम्पत्तिके स्वामी कहलायेंगे।’ बंदी क्रोसियसने राजा साइरसको शिष्ट सम्मति दी। वे बहुत धनी थे।

‘यदि मैंने राजसिंहासनपर बैठनेके समयसे आज तक किसीको कुछ भी दान न दिया हो तो मेरे पास कितनी सम्पत्ति होनेका आप अनुमान लगा सकते हैं ?’ साइरसने प्रश्न किया।

‘अपार सम्पत्ति’ क्रोसियसके शब्द थे और वे सोचने लगे।

‘तो मैं अभी अपनी प्रजा और हितैषियों तथा मित्रोंके पास सूचना भेजता हूँ कि मुझे अपार सम्पत्तिकीआवश्यकता है एक बहुत बड़े कामके लिये और आप देखेंगे इसका परिणाम ।’ साइरसने क्रोसियसके मनमें अद्भुत उत्सुकता पैदा कर दीं।

साइरसकी सूचनाके परिणामस्वरूप राजमहलके सामने सोनेके ढेर लग गये। प्रजाने बड़ी प्रसन्नता और उमङ्गसे राजाकी आज्ञाके अनुरूप आचरण किया। ‘मैंने तो इससे कम सम्पत्तिका ही अनुमान लगाया

था।’ क्रोसियस आश्चर्यचकित हो गये। “यदि मैंने अपना धन जमीनमें छिपाकर रख दिया होता और दान तथा प्रजाके हितमें उसका उपयोग न किया होता तो प्रजा मुझसे घृणा करती और शत्रु द्वेष करते; मेरी प्रजा मुझे प्यार करती है और क्षणमात्रमें मैं इतना सोना एकत्र कर सकता हूँ जितना मेरे स्वप्रमें भी नहीं दीख सकता।’ साइरसके उत्तरसे धनी क्रोसियसकी आँखें खुल गयीं और हृदय खोलकर उनकी दानशीलताकी प्रशंसा की उन्होंने ।

-रा0 श्री0

King Cyrus of Persia made King Croesus a prisoner. Cyrus was very charitable and generous. In his kingdom, taking the name of poverty and helplessness was considered a sin. The subjects were healthy, happy and prosperous.
“If in this way you keep emptying your treasury daily in giving charity, you will become a pauper after a few days. If you keep saving your money, you will undoubtedly be called the owner of immense wealth.’ The captive Croesius gave polite advice to King Cyrus.He was very rich.
‘If I have not donated anything to anyone from the time I sat on the throne, can you guess how much wealth I have?’ Cyrus asked.
‘Immense wealth’ were the words of Croesus and he began to think.
‘So now I send information to my subjects and well-wishers and friends that I need immense wealth for a very big work and you will see its result.’ Cyrus created wonderful curiosity in the mind of Crosius.
As a result of Cyrus’ information, heaps of gold were found in front of the palace. The people behaved according to the king’s orders with great joy and enthusiasm. ‘I estimated less wealth than this
was.’ Croesus was surprised. “If I had hidden my wealth in the ground and had not used it for charity and in the interest of the people, then people would have hated me and enemies would have hated me; my people love me and in a moment I can collect more gold than even in my own self.” Can be seen. Cyrus’ answer opened the eyes of the rich Croesius and he praised his charity with open heart.

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