जलेबी उत्सव यानी जलेबी नवमी”…

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आज 17 दिसम्बर 2022, शनिवार, पौष मास के कृष्ण पक्ष का “जलेबी उत्सव यानी जलेबी नवमी”…

आहार से संस्कार और उपचार ही नहीं, त्योहार भी जुड़े हुए हैं. चतुर्थी से चूरमा जुड़ा है तो तीज से घेवर, पंचमी से पंचामृत और छठ से छह उबाली कढ़ी…।

जलेबी, जिसे कुण्डलिनी भी कहा जाता है, पौष की नवमी से जुड़ी है.

श्री गुसांई जी विट्ठलनाथ जी का प्राकट्य है. श्री विट्ठलनाथ जयंती के मौके पर वल्लभ संप्रदाय से जुड़े वैष्णवजन जलेबी का भोग ठाकुर जी को लगाएंगे. इसीलिए विट्ठल नाथ जी की जयंती को “जलेबी उत्सव” के रूप में भी जाना जाता है.

पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय के प्रणेता श्री वल्लभाचार्य महाप्रभु के पुत्र गोस्वामी विट्ठलनाथ को पिता द्वारा स्थापित संप्रदाय को सुचारू और संगठित रूप से चलाने का श्रेय जाता है.

इन्होंने ही महाकवि सूरदास, परमानंद दास, कुंभनदास, छीत स्वामी जैसे अष्ट छाप कवियों को वल्लभ संप्रदाय से जोड़ हवेली संगीत परंपरा को शुरू किया था.

श्रीजी ने स्वयं आनंद से यह उत्सव मनाया है एवं कुंभनदासजी व रामदासजी को आज्ञा कर जलेबी की सामग्री मांग कर अरोगी थी. इसी कारण आज के दिन श्रीनाथजी को मंगला भोग से शयन भोग तक प्रत्येक भोग में विशेष रूप से जलेबी टूक व घेरा की सामग्री अरोगायी जाती है और आज के उत्सव को “‘जलेबी उत्सव” भी कहा जाता है.

जय श्री कृष्ण..🙏🙏



Today, December 17, 2022, Saturday, the “Jalebi festival i.e. Jalebi Navami” of the Krishna Paksha of the month of Pausha…

Not only rituals and treatments, festivals are also linked to diet. Churma is associated with Chaturthi, Ghevar with Teej, Panchamrit with Panchami and six boiled kadhis with Chhath….

Jalebi, also known as Kundalini, is associated with Paush’s Navami.

Shri Gusai ji is the manifestation of Vitthalnath ji. On the occasion of Shri Vitthalnath Jayanti, Vaishnavajans belonging to Vallabh sect will offer jalebi to Thakur ji. That’s why the birth anniversary of Vitthal Nath ji is also known as “Jalebi festival”.

The credit goes to Goswami Vitthalnath, the son of Shri Vallabhacharya Mahaprabhu, the founder of Pushtimargiya Vallabh sect, for running the sect established by his father in a smooth and organized manner.

It was he who started the Haveli Sangeet tradition by associating Asht Chhap poets like Mahakavi Surdas, Parmanand Das, Kumbhandas, Chhit Swami with the Vallabh sect.

Shreeji himself has celebrated this festival with joy and was healthy by asking Kumbhandasji and Ramdasji to ask for the ingredients of Jalebi. That’s why on this day Shrinathji is specially offered ingredients of Jalebi took and Ghera in every bhog from Mangala Bhog to Shayan Bhog and today’s festival is also called “‘Jalebi Utsav'”.

Jai Shri Krishna..🙏🙏

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