एक भक्त कहता है हम भगवान की माला जप करते हैं। मन्दिर में भजन कीर्तन करते हैं। हमे अपने घर में कार्य करते हुए प्रभु प्राण नाथ का चिन्तन करे मन ही मन प्रणाम और वन्दन करे ऐसे में घर में एक रूम से दुसरे रूम में जाते हुए जब हम भगवान को भजते हैं बहुत आनंद की अनुभूति होती है।
आत्मा की पुकार परमात्मा के पास पहुंच जाता है। सम्बन्धों के सम्बन्धी परम पिता परमात्मा होते हैं। हमारी सबसे ऊपर प्रेम सगाई से कुछ पल तार जुड़ते है ।हमे मन मन्दिर में कृष्ण बैठे दिखाई देते हैं सांवरे भक्तों ने तुझे अपने दिल के रंगों से सजाया है सांवरे तु भी भक्त के दिल को अपने रंग से सराबोर कर देना। ये मुझ दासी की विनती है। जय श्री राम अनीता गर्ग