अनहद नाद ओंकार
अगमं सुगमं परम विलक्षणम
पूर्ण सत्यं पूर्ण सक्षमं
अनहद नादं समग्र व्यापं
सिमरत नामं परम आह्लादं
केवल परमात्मा का नाम ही सत्य है । परमात्मा का ओंकार नाद सकल जगत मे व्याप्त है । वह अतुलनीय है और विलक्षण है ।
केवल सरल ह्रदय,श्रद्धा व भक्ति से ही उस विरल व अगम परमात्मा को सरलता से पाया जा सकता है ।
उस परमानंद प्रभु के सिमरन से ही परम सुख व आनंद की प्राप्ति हो सकती है ।