हर्ष और प्रेम का सुन्दर पावन पर्व होली है। वृन्दावन में बड़े ही उल्लास के साथ बड़े ही धूमधाम से होली मनाई जाती है। भगवान श्री कृष्ण अपने सखाओं की टोली के साथ बड़े उत्साह के साथ होली खेलने निकलते थे। श्री राधाजी भी अपनी सखियों की टोली बनाकर हर्ष पूर्वक होली खेलने निकलतीं थीं। सभी नाचते गाते प्रेम पूर्वक रंगों की बरसात करते थे। भगवान अपने हाँथों में रंग भरी पिचकारी लेकर श्री राधा जी और उनकी सखियों को रंगो से नहला देते और स्वयं भी सखियों के द्वारा रंगों से नहा उठते थे!!
RADHEY RADHEY JI
SUPRABHAT VANDAN JI SABHI KO..
प्रभु संकीर्तन 38
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