बीस जून को जगन्नाथ यात्रा जगन्नाथ यात्रा की हार्दिक शुभकामनाएं

बीस जून को जगन्नाथ यात्रा पुरी के राजा स्वयं अपने हाथों से झाडू़ लगाते हैं,और वो सोने की झाड़ू से होती है सफाई आज भी हर साल जगन्नाथ यात्रा के उपलक्ष्य में सोने की झाड़ू से पुरी के राजा खुद झाड़ू लगाने आते है

महाप्रभु जगन्नाथ को कलियुग का भगवान भी कहते है..। पुरी में जगन्नाथ महाप्रभु अपनी बहन सुभद्रा और दाऊ बलराम के साथ निवास करते है मगर रहस्य ऐसे है कि आजतक कोई न जान पाया..!

हर 12 साल में महाप्रभु की मूर्ती को बदला जाता है,उस समय पूरे पुरी शहर में ब्लैकआउट किया जाता है यानी पूरे शहर की लाइट बंद की जाती है। लाइट बंद होने के बाद मंदिर परिसर को CRPF की सेना चारो तरफ से घेर लेती है…उस समय कोई भी मंदिर में नही जा सकता।मंदिर के अंदर घना अंधेरा रहता है…पुजारी की आँखों मे पट्टी बंधी होती है…पुजारी के हाथ मे दस्ताने होते है..वो पुरानी मूर्ती से “ब्रह्म पदार्थ” निकालते है और नई मूर्ती में डाल देते है…ये ब्रह्म पदार्थ क्या है आजतक किसी को नही पता…इसे आजतक किसी ने नही देखा. ..हज़ारो सालो से ये एक मूर्ती से दूसरी मूर्ती में ट्रांसफर किया जा रहा है…
ये एक अलौकिक पदार्थ है जिसको छूने मात्र से किसी इंसान के जिस्म के चिथड़े उड़ जाए। इस ब्रह्म पदार्थ का संबंध भगवान श्री कृष्ण से है…मगर ये क्या है, कोई नही जानता…ये पूरी प्रक्रिया हर 12 साल में एक बार होती है उस समय सुरक्षा बहुत ज्यादा होती है…मगर आजतक कोई भी पुजारी ये नही बता पाया की महाप्रभु जगन्नाथ की मूर्ती में आखिर ऐसा क्या है…??

कुछ पुजारियों का कहना है कि जब हमने उसे हाथ में लिया तो खरगोश जैसा उछल रहा था…आंखों में पट्टी थी…हाथ मे दस्ताने थे तो हम सिर्फ महसूस कर पाए…

भगवान जगन्नाथ मंदिर के सिंहद्वार से पहला कदम अंदर रखते ही समुद्र की लहरों की आवाज अंदर सुनाई नहीं देती, जबकि आश्चर्य में डाल देने वाली बात यह है कि जैसे ही आप मंदिर से एक कदम बाहर रखेंगे, वैसे ही समुद्र की आवाज सुनाई देंगी

आपने ज्यादातर मंदिरों के शिखर पर पक्षी बैठे-उड़ते देखे होंगे, लेकिन जगन्नाथ मंदिर के ऊपर से कोई पक्षी नहीं गुजरता।

झंडा हमेशा हवा की उल्टी दिशामे लहराता है

दिन में किसी भी समय भगवान जगन्नाथ मंदिर के मुख्य शिखर की परछाई नहीं बनती।

भगवान जगन्नाथ मंदिर के 45 मंजिला शिखर पर स्थित झंडे को रोज बदला जाता है, ऐसी मान्यता है कि अगर एक दिन भी झंडा नहीं बदला गया तो मंदिर 18 सालों के लिए बंद हो जाएगा

इसी तरह भगवान जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर एक सुदर्शन चक्र भी है, जो हर दिशा से देखने पर आपके मुंह आपकी तरफ दीखता है।

भगवान जगन्नाथ मंदिर की रसोई में प्रसाद पकाने के लिए मिट्टी के 7 बर्तन एक-दूसरे के ऊपर रखे जाते हैं, जिसे लकड़ी की आग से ही पकाया जाता है, इस दौरान सबसे ऊपर रखे बर्तन का पकवान पहले पकता है।

भगवान जगन्नाथ मंदिर में हर दिन बनने वाला प्रसाद भक्तों के लिए कभी कम नहीं पड़ता, लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि जैसे ही मंदिर के पट बंद होते हैं वैसे ही प्रसाद भी खत्म हो जाता है।

आप पर और आपके परिवार पर श्री जगन्नाथ महाप्रभु की कृपा सदा बनी रहे..



On the occasion of Jagannath Yatra, on June 20, the king of Puri himself sweeps with his own hands, and it is cleaned with a golden broom. Even today, every year on the occasion of Jagannath Yatra, the king of Puri himself comes to sweep with a golden broom.

Mahaprabhu Jagannath is also called the Lord of Kali Yuga. Jagannath Mahaprabhu resides in Puri with his sister Subhadra and brother-in-law Balaram, but the secret is such that no one has been able to know till date..!

Every 12 years the idol of Mahaprabhu is replaced, at that time blackout is done in the whole city of Puri i.e. the lights of the whole city are switched off. After the lights are turned off, the CRPF army surrounds the temple premises from all sides… at that time no one can enter the temple. It is dark inside the temple… the eyes of the priest are blindfolded… gloves in the hands of the priest It happens..they take out “Brahma substance” from the old idol and put it in the new idol…what is this Brahma substance, no one knows till date…no one has seen it till date. ..For thousands of years it is being transferred from one idol to another… This is a supernatural substance, just by touching which a person’s body gets torn to pieces. This Brahma substance is related to Lord Shri Krishna… But what is it, no one knows… This whole process happens once in every 12 years, at that time there is a lot of security… But till date no priest could tell that Mahaprabhu What is there in the idol of Jagannath??

Some priests say that when we took him in our hands, he was jumping like a rabbit… He was blindfolded… We could only feel him when we had gloves on…

The sound of the sea waves is not heard inside the Lord Jagannath Temple as soon as you take the first step inside the temple, while the surprising thing is that as soon as you take a step outside the temple, the sound of the sea is heard.

You must have seen birds sitting and flying on the top of most of the temples, but no bird passes over the Jagannath temple.

the flag always flies in the opposite direction of the wind

The shadow of the main spire of Lord Jagannath Temple is not cast at any time during the day.

The flag on the 45-storey spire of Lord Jagannath Temple is changed daily, it is believed that if the flag is not changed even for a day, the temple will be closed for 18 years

Similarly, there is also a Sudarshan Chakra on the top of the Lord Jagannath Temple, which looks at you from every direction.

In the kitchen of Lord Jagannath temple, 7 earthen pots are kept on top of each other to cook Prasad, which is cooked on wood fire only, during this time the dish of the topmost pot is cooked first.

The prasad made every day in the Lord Jagannath temple never falls short for the devotees, but the surprising thing is that as soon as the doors of the temple are closed, the prasad also ends.

May the blessings of Shri Jagannath Mahaprabhu be with you and your family.

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