मोक्ष सनातन धर्म में एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक अवस्था है, जो जीवात्मा की मुक्ति या मुक्त हो जाने की ओर संकेत करती है। धार्मिक और
आध्यात्मिक सिद्धांत के अनुसार, मोक्ष जीवात्मा को संसारी बंधनों से मुक्त करके परमात्मा के साथ एकीकृत हो जाने की है।
सनातन धर्म में मोक्ष को पूर्णता, सत्यता, आनंद, शान्ति और मुक्ति की स्थिति के रूप में वर्णित किया जाता है। यह आध्यात्मिक प्रकृति की वह उच्चतम अवस्था है जहां जीवात्मा अपने अलोकिक सत्य स्वरूप को पहचानती है, संसारी बंधनों से मुक्त होती है और अनंत आनंद और शांति में विलीन हो जाती है।
मोक्ष को आत्म-रोचक (आत्म-रुचिकर) की प्राप्ति भी कहा जाता है, जो आत्मा के प्राकृतिक गुणों को पुनः प्राप्त करती है और परमात्मा के साथ एकत्व में पहुंचने की अवस्था होती है।
मोक्ष को प्राप्त करने के लिए, सनातन धर्म में विभिन्न मार्ग (पथ) बताए गए हैं, जिनमें साधना, ध्यान, भक्ति, कर्म, ज्ञान आदि शामिल होते हैं। इन मार्गों का उचित अनुसरण करके और आचरण करके व्यक्ति मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग चुन सकता है।
मोक्ष सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है। इससे संसारी जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त होकर आनंदमय एवं मुक्त जीवन की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है।
।। जगद्नियन्ता प्रभु सब का मङ्गल करें ।।
Moksha is an important spiritual state in Sanatana Dharma, which indicates liberation or liberation of the soul. religious and
According to spiritual theory, moksha is the liberation of the soul from worldly bondage and its integration with the Supreme Soul.
Moksha is described in Sanatana Dharma as a state of perfection, truth, bliss, peace and liberation. It is the highest state of spiritual nature where the soul realizes its transcendental true nature, is freed from worldly bondage and merges in eternal bliss and peace.
Moksha is also called the attainment of the Atma-rochaka (self-interested), which is the regaining of the natural qualities of the soul and the state of reaching oneness with the divine.
In order to attain salvation, various paths (paths) have been prescribed in Sanatana Dharma, which include sadhana, meditation, bhakti, karma, jnana etc. By properly following and conducting these paths one can choose the path of attaining salvation.
Salvation is an important objective of Sanatana Dharma. This paves the way for attaining a blissful and free life by getting free from the cycle of worldly birth and death.
, May the Lord of the universe bless everyone.