तुम झोली भर लो भक्तों रंग और गुलाल से
होली खेलेंगे अपने
गिरधर गोपाल से
कोरा-कोरा कलश मंगाकर…
उसमें रंग घुलवाया,
लाल गुलाबी नीला पिला…
केशर रंग मिलवाया,
बच-बच के रहना उसकी…
टेढ़ी-मेढ़ी चाल से,
होली खेलेंगे अपने गिरधर
गोपाल से
लायेगा वो संग में अपनी…
ग्वाल बाल की टोली,
अरे मैं भी रंग अबीर मलूंगा…
और माथे पे रोली,
गायेंगे फाग मिलके…
ताली खड़ताल से,
होली खेलेंगे अपने
गिरधर गोपाल से
श्याम पिया की
बजे बांसुरिया…
ग्वालो की मंजीरे
शंख बजावे ललिता नाचे…
राधे धीरे-धीरे,,,
गायेंगे भजन शुहाने…
हम भी सुरताल से
होली खेलेंगे अपने
गिरधर गोपाल से
तुम झोली भर लो भक्तों…
रंग और गुलाल से
होली खेलेंगे अपने
गिरधर गोपाल से
☸ जय श्री कृष्ण












