श्रावण माह/ शिव साधना

श्रावण का पवित्र महीना शुरू हो गया है और हमारी सनातन संस्कृति में श्रावण माह का विशेष महत्व है। यह अवसर जहां प्रकृति के सौन्दर्य, आध्यात्मिक ऊर्जा के संचार एवं आत्मिक शक्ति के विस्तार का अलौकिक एवं दिव्य समय है। श्रावण माह की हर घड़ी एवं हर पल “भगवान शिव” को समर्पित एवं उनके प्रति आस्था एवं भक्ति व्यक्त करने का दुर्लभ एवं चमत्कारी अवसर है।

श्रद्धा का यह महासावन भगवान शिव के प्रति समर्पित होकर ग्रंथियों को खोलने की सीख देता है। इस आध्यात्मिक पर्व के दौरान कोशिश यह की जाती है कि सनातनी कहलाने वाला हर व्यक्ति अपने जीवन को इतना मांज ले, इतना आध्यात्मिकता से ओतप्रोत कर ले, इतना शिवमय बना लें कि वर्ष भर की जो भी ज्ञात-अज्ञात त्रुटियां हुई हैं, आत्मा पर किसी तरह का मैल चढ़ा है वह सब धुल जाए।

सनातन संस्कारों को सुदृढ़ बनाने और अपसंस्कारों को तिलांजलि देने का यह अपूर्व अवसर है। यह सम्पूर्ण माह इतना महत्वपूर्ण हैं कि इनमें व्यक्ति स्वयं के द्वारा स्वयं को देखने का प्रयत्न करता है। यह माह सनातन संस्कृति एवं उसकी पवित्रता, पोषकता, सात्विकता और नवजागरण का सन्देश देता है। हर श्रद्धालु का मन भक्तिमय होकर नैतिकता और चरित्र की चौकसी का काम करता है।

यह दिव्य एवं आस्थामय माह हर व्यक्ति को प्रेरित करता है कि वे भौतिक और सांसारिक जीवन जीते हुए भी आध्यात्मिकता को एवं भगवान शिव को जीवन का हिस्सा बनाएं और जीवन को पवित्र एवं पावन बनाये।।

अतः आइए हम सब मिलकर श्रावण माह में महादेव की साधना करें और अपने आप को पवित्र व शुद्ध-बुद्ध बनाने का प्रयास करें।।

ॐ नमः शिवाय||



The holy month of Shravan has started and the month of Shravan has special significance in our Sanatan culture. This occasion is a supernatural and divine time for the beauty of nature, transmission of spiritual energy and expansion of spiritual power. Every hour and every moment of the month of Shravan is a rare and miraculous opportunity to dedicate it to “Lord Shiva” and express faith and devotion towards him.

This Mahasavan of devotion teaches one to open the glands by being dedicated to Lord Shiva. During this spiritual festival, an effort is made that every person who is called Sanatani should purify his life so much, imbue it with spirituality, make it so Shiva-like that whatever known and unknown mistakes have happened throughout the year, do not affect the soul in any way. All the dirt that has accumulated on it should be washed away.

This is a unique opportunity to strengthen the Sanatan values ​​and give up the bad values. This entire month is so important that in this a person tries to see himself through himself. This month gives the message of Sanatan culture and its purity, nutrition, goodness and renaissance. Every devotee has a devotional heart and works to guard the morality and character.

This divine and religious month inspires every person to make spirituality and Lord Shiva a part of life despite living a material and worldly life and make life pure and sacred.

Therefore, let us all together worship Mahadev in the month of Shravan and try to make ourselves pure and pure Buddha.

Om Namah Shivaya||

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