(तर्ज: तु खाटू का सरकार…..)
शिव शंकर भोले नाथ, हे नाथ, तेरी जटा में गंग विराजे है
तेरी जटा में गंग विराजे है, तेरी जटा में गंग विराजे है
तेरा भोला भाला मुखड़ा है ,
दुनिया का हरता दुखड़ा है ,
हे नन्दी के असवार , असवार , तेरी जटा में गंग विराजे है
तनै भांग धतुरा भावै है ,
और तन पर भस्म रमावै है ,
तेरे गल सर्पों का हार , हाँ हार, तेरी जटा में गंग विराजे है
तेरा पर्वत उपर डेरा है ,
सब ऋषि मुनियों ने घेरा है ,
सब देवों का करतार , करतार , तेरी जटा में गंग विराजे है
शिव योगी रुप बणावै है ,
माँ पार्वती को भावै है ,
शिव शक्ति तेरी अपार , है अपार, तेरी जटा में गंग विराजे है
मेरी नैया डगमग है डोले ,
कहे ‘देवकीनन्दन’ आ भोले ,
तुं आके करदे पार , हाँ पार , तेरी जटा में गंग विराजे है
(Line: Tu Khatu Ka Sarkar…..)
Shiv Shankar Bhole Nath, O Nath, there is Ganges in your hair.
In your soul there is an angel
Your ‘gullible’ spear is the mouth,
The loss of the world is painful
O Anandi ke Aswar, Aswar, there is Ganges in your hair.
Tanai bhang is thura bhavai,
And there is ashes on the soul, Ramavai.
There is a necklace of snakes around you, yes necklace, there is a gang in your hair.
Your mountain is above the tent,
All the sages have surrounded
Kartar of all the gods, Kartar, there is Ganges in your hair.
Shiva is the yogi form, Banavai.
Mother Parvati has a Bhavai
Shiva’s power is your immense, it is immense, Ganges resides in your hair.
My naya dmag hai dole,
Say ‘Devkinandan’ come naive,
You have come and gone, yes, there is a Gange in your hair.