पी के भंगिया झूमे भोले कंधे कावड़ उठाई से,
किसे ने ज्यादा किसे ने थोड़ी सब ने भांग चढ़ाई से,
पे के भंगियाँ ओ हो रे भोले झूम रहे है,
कोई हरयाणा कोई यू पि से भांग घोट के लाया से,
भोले की मस्ती में देखो रंग सभी पे छाया से,
कावड़ियों की जुबा पे देखो जय कारा से भोले का,
कुछ भोले की मस्ती से कुछ नशा से भांग के गोले का,
पे के भंगियाँ ओ हो रे भोले झूम रहे है,
कंधे कावड़ उठाई से और बम भोले की बोल रहे,
बोले की मस्ती का अमृत फ्री में सब के गोल रहे,
कोई नाचे कोई गावे कोई जैकारे बोल रहे,
भोले के मस्ती में देखो हर कावड़ियाँ डोल रहे,
पे के भंगियाँ ओ हो रे भोले झूम रहे है,
गाओ गाओ और शहर शहर में बम बोले के जय कारे,
पी के भंगियाँ मस्त हुये और लागे से कितने प्यारे ,
सुमित कुंवर की कलम को देखो नशा भांग का चढ़ गया से,
भोले की मस्ती से सारे बोल नशीले कर गया से,
पे के भंगियाँ ओ हो रे भोले झूम रहे है,
PK Bhangia swung the naive shoulder with the kavad lifted,
Who did more than whom, everyone did a little bit of cannabis,
Pe ke bhangiyaan oh ho re bhole jhoom hai,
Some from Haryana, some from UP brought cannabis from Ghote,
In the fun of the innocent, see the color from the shadows on all,
Look at the lips of the Kawadis, Jai Kara to Bhole Ka,
Some from the fun of the innocent, some from the intoxication of cannabis balls,
Pe ke bhangiyaan oh ho re bhole jhoom hai,
Raised the shoulder and the bomb is speaking of naive,
Said that the nectar of fun was free for everyone,
Some dancing, some villages, some jackals are speaking,
Look at the fun of the innocent, every kavadi is rolling,
Pe ke bhangiyaan o ho re bhole jhoom hai,
Sing sing and say jai kare in the city city,
PK’s bhangis are cool and they are so cute from lage,
Look at Sumit Kunwar’s pen;
From the fun of the innocent, all the words were intoxicating,
Pe ke bhangiyaan o ho re bhole jhoom hai,