ओ भक्तो कावड़ उठा कर चलो बाबा के द्वार

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ओ भक्तो कावड़ उठा कर चलो बाबा के द्वार,
बाबा धाम में यहाँ लगा शिव दरबार,

सुलतान गंज जल भर के बाबा के धाम नंगे पावे चल के,
बाबा वेद नाथ की महिमा बड़ी दर्शन को भगतो की टोली चल पड़ी,
चारो दिशाओ में गूंजे बोल बम की जयकार,
बाबा धाम में यहाँ लगा शिव दरबार,

सावन महीना है बाबा का आया पर्वतो के बीच में डेरा लगाया,
संदेसा है भक्तो को बाबा का आया बाबा वेद नाथ ने हम को भुलाया,
बड़ा ही पवन बाबा का धाम है सब के लवो पे भोले का नाम है,
जटा धारी सुनो गंगा धारी सुनो सब की सुनता है तू अब हमारी भी सुनो,
ओ सब की सुनते हो बाबा सुन लो मधुर की पुकार,
बाबा धाम में यहाँ लगा शिव दरबार,

शिव कर सा दानी नहीं कोई उनके जैसा सानी नहीं कोई
जटाओ में भोले के गंगा सोहे,
डम डम डमरू से मन मोहे,
मिलने आते है बाबा हो के नंदी सवार,
बाबा धाम में यहाँ लगा शिव दरबार,

O devotees, lift the cauldron and come to Baba’s door,
Shiva’s court was held here in Baba Dham,

Sultan Ganj walked barefoot to Baba’s abode across the water,
To see the glory of Baba Ved Nath, the group of Bhagto started,
Cheer of the bomb echoed in all four directions,
Shiva’s court was held here in Baba Dham,

It is the month of Sawan, Baba’s came and camped in the middle of the mountains,
The message is that Baba came to the devotees, Baba Ved Nath forgot us,
It is the abode of Pawan Baba, the name of the innocent is on everyone’s love.
Listen to Jata Dhari, listen to Ganga Dhari, listen to everyone, now you listen to us too,
Oh listen to everyone, Baba, listen to the call of sweet,
Shiva’s court was held here in Baba Dham,

Shiva is not like a benefactor, there is no one like him.
The innocent Ganga sleeps in the jatao,
Dum Dum Dumro se me,
Baba Ho’s Nandi rider comes to meet him,
Shiva’s court was held here in Baba Dham,

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