भंगियाँ जरा पीस दो ओ गोरा रानी,
नसेड़ी बनाना छोड़ दो ओह भोले वरदानी
आज बड़ी मुश्किल से लाया हु ढूंढ के,
पूरा कैलाश आज आया हु घूम के,
मान जाओ गोरा करो न मन मानी,
नसेड़ी बनाना छोड़ दो ओह भोले वरदानी
नई नई बहु आई है अपने घर में इज्जत रहे गी क्या उसकी नजर में,
पीस दो भंगियाँ बनाओ न कहानी,
नसेड़ी बनाना छोड़ दो ओह भोले वरदानी
मायके तो भेज उसे रिद्धि के साथ में,
पीसो न भंगिया गोरा बैठो मेरे पास में,
खाये गी का सुन मेरी बहु रानी,
भंगियाँ जरा पीस दो ओ गोरा रानी,
तुम सा गणजेडी न देखा भंगेड़ी
पाया है मैंने ये कैसा नसेड़ी,
रखो सिलवाता तुम लेके आओ पानी,
नसेड़ी बनाना छोड़ दो ओह भोले वरदानी
Just grind the bhangis, O fair queen,
Stop making nasedi oh naive blessings
Today I have brought it with great difficulty,
The whole of Kailash has come today to roam,
Don’t agree, don’t be fair
Stop making nasedi oh naive blessings
A new daughter-in-law has come, will there be respect in her house in her eyes,
Make two bhangis, neither make a story,
Stop making nasedi oh naive blessings
Send her home with Riddhi,
peeso na bhangiya white sit beside me,
Listen to my daughter-in-law, my daughter-in-law.
Just grind the bhangis, O fair queen,
Tum sa Gaanjedi did not see Bhangedi
I have found this kind of naughty,
Keep it sewn, you bring water,
Stop making nasedi oh naive blessings