पर्वत पे आजा मेरी गौरा क्यों देखे गौरा खड़ी खड़ी
मैं कैसे आऊं मेरे भोले मेरे से प्यारी तुम्हें गंगा हैं
तू तो पगली है मेरी गौरा गंगा तो जटाओं की शोभा है
पर्वत पे आजा…..
मैं कैसे आऊं मेरे भोले मेरे से प्यारा तुम्हें चंदा है
तू तो पगली है मेरी गौरा मस्तक की शोभा चंदा है
पर्वत पे आजा…….
मैं कैसे आऊं मेरे भोले मेरे से प्यारे तुम्हें सर्पा हैं
तू तो पगली है मेरी गौरा गले की शोभा सर्पा हैं
पर्वत पे आजा……
मैं कैसे आऊं मेरे भोले मेरे से प्यारा डमरू है
तू तो पगली है मेरी गौरा डमरू हाथों की शोभा है
पर्वत पे आजा……..
Why did you see my Gaura standing on the mountain?
How do I come, my innocent, you are the Ganges, dear to me
You are pagli, my gaura Ganga is the beauty of hair
Come to the mountain…..
how can i come my naive you are dearer than me
You are a pagli, my gaura is the beauty of the head.
Come to the mountain…….
how can i come my naive you are dear to me
You are a pagli, my gaura is the beauty of the neck.
Come to the mountain……
How do I come, my naive is dearer than me
You are pagli, my Gaura Damru is the beauty of hands
Come to the mountain………