भगवान को भजते हुए झुककर नमन करके चलना आ गया वही आत्म समर्पण करता है। जो भक्त भगवान को भजते भजते गोण हुए है। जिसने परमात्मा की याद में आंसू बहाए है। प्रभु प्रेम में वही डुबा है।
दिल की धड़कन में दर्श की तङफ जगी है उसे ही परमात्मा ने प्रेम प्रदान किया है। जो अपने प्राण नाथ के चरणों में नतमस्तक हुआ है।उसे ही उल्लास प्राप्त हुआ है। उल्लास प्रभु प्राण नाथ की कृपा दृष्टि पर ही आता है।उल्लास कार्य करते हुए कब प्रभु प्राण नाथ से जुड़ कर क्षण भर में हृदय में समा जाता है। जय श्री राम
अनीता गर्ग
Worshiping God, bowing down and bowing down, only he surrenders himself. The devotees who worshiped God while worshiping. The one who has shed tears in the memory of God. He is immersed in the love of God.
The yearning for vision has awakened in the heartbeat, God has given love to him only. The one who has bowed down at the feet of his Pran Nath. He alone has attained ecstasy. Euphoria comes only on seeing the grace of Prabhu Pran Nath. While doing work, when Prabhu connects with Prabhu Pran Nath, it merges in the heart in a moment. Jai Shri Ram Anita Garg