भगवान की भक्ति से नाम जप से श्रद्धा उत्पन होगी श्रद्धा से विश्वास जागृत होगा भगवान को हम भजते रहेंगे तब श्रद्धा विश्वास के साथ आनंद की उत्पत्ति होगी आनंद की उत्पत्ति भगवान के अह्सास को दृढ करती है भगवान को अन्तर्मन से भजते हुए भगवान को अपने में खोजते रहे। खोज हमें अन्दर की करनी है। भगवान रोम रोम में बैठें हैं जय श्री राम राम राम राम राम जय श्री राम अनीता गर्ग
प्रभु संकीर्तन 54
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