जाकौं वेद रटत ब्रह्मा रटत, शम्भु रटत शेष रटत ।
नारद शुक व्यास रटत, पावत नहीं पार री ॥
ध्रुवजन प्रह्लाद रटत, कुंति के कुँवर रटत ।
द्रुपद सुता रटत नाथ, अनाथन प्रतिपाल री ॥
गणिका गज गीध रटत, गौतम की नारि रटत ।
राजन की रमणी रटत, सुतन दै दै प्यार री ॥
नन्ददास श्रीगोपाल, गिरिवरधर रूप जाल ।
जसोदा कौ कुँवर लाल, राधा उरहार री ॥
जिसके नाम को वेद रटते हैं, ब्रह्मा रटते हैं, भगवान शिव रटते हैं, शेष रटते हैं, नारद, शुकदेव एवं वेद व्यास जी रटते हैं लेकिन पार नहीं पाते ।
जिसके नाम को भक्त ध्रुव एवं प्रह्लाद रटते हैं, कुंतीनंदन अर्जुन रटते हैं, द्रौपदी रटती है, वे अनाथों के प्रतिपालक हैं ।
जिसके नाम को गणिका, गीधराज जटायु एवं गजेंद्र रटते हैं, गौतम पत्नी अहिल्या रटती है, महारानियाँ रटती हैं एवं अपने पुत्रों को प्यार देती हैं ।
श्री नंददास जी कहते हैं कि वही गिरिधर श्री गोपाल हैं जिनके रूप-जाल में सब अटके हैं, वे यशोदा के नंद लाल श्री राधा के ह्रदय का हार बने हुए हैं ।
Jakaun Veda Ratat Brahma Ratat, Shambhu Ratat Shesha Ratat. Narada Shuka Vyasa Ratat, Pavat Nahin Par Ri ॥ Dhruvajan Prahlad recited, Kunti’s prince recited. Drupada’s daughter is chanting, Lord, protector of the orphans. Ganika Gaja Geedha Ratat, Gautama Ki Nari Ratat. Rajan ki ramani ratat, sutan dai dai pyaar ri ॥ Nandadas Sri Gopal, Girivardhar Roop Jal. Jasoda Kau Kunwar Lal, Radha Urhar Ri ॥
Whose name the Vedas memorize, Brahma memorizes, Lord Shiva memorizes, Shesh memorizes, Narada, Shukdev and Veda Vyas ji memorize but cannot overcome.
Whose name is chanted by the devotees Dhruva and Prahlad, Kuntinandan Arjuna, Draupadi chants, he is the guardian of the orphans.
Whose name is chanted by the courtesans, Geidhraj, Jatayu and Gajendra, Gautam’s wife Ahilya, the queens and the love for their sons.
Shri Nanddas ji says that it is Giridhara Shri Gopal in whose form everyone is trapped, he remains the necklace of the heart of Nand Lal Shri Radha of Yashoda.