जय श्री राम भगवान की भक्ति से नाम जप से श्रद्धा उत्पन होगी श्रद्धा से विश्वास जागृत होगा भगवान को हम भजते रहेंगे तब श्रद्धा विश्वास के साथ आनंद की उत्पत्ति होगी आनंद की उत्पत्ति भगवान के अह्सास को दृढ करती है भगवान को अन्तर्मन से भजते हुए भगवान को अपने में खोजते रहे। खोज हमें अन्दर की करनी है। भगवान रोम रोम में बैठें हैं
जिसके मन में यह प्रश्न उठता है कि मैं भगवान के दर्शन कर लु। वह भगवान को भजता है तभी उसके दिल में भगवान के दर्शन की इच्छा जाग्रत होती है करोड़ों में कोई एक भगवान के दर्शन करने चाहता है अन्य तो भगवान से प्रार्थना में मांगते ही रहते हैं कोई एक कहता है कि तुझे मैं निहारना चाहता हूं। भगवान के लिए नीर बहाता है। जिन नैनो ने नीर बहाया है। वे विधियों से ऊपर उठ जाते हैं
तुम मुझ में। नूर भर कर जाते हो। मैं समझ नहीं पाती हूं यह तेरी लीला अद्भुत है यह नूर तेरे चरणों में अर्पित है। आज जमीन पर पैर नहीं पढ़ते हैं। आज दिल काबू में नहीं आता है दिल की हर धड़कन तुम्हें पुकारती है। तू मुझे दर्शन दे कर छुप जाते हो फिर आहट पैदा करते हो।जय श्री राम अनीता गर्ग
Jai Shri Ram Devotion to God will generate reverence by chanting the name, faith will be awakened by reverence, we will continue to worship God, then joy will arise with reverence faith; Keep searching within yourself. We have to search within. God is sitting in Rome Rome In whose mind this question arises that I should have darshan of God. He worships God, only then the desire to see God awakens in his heart. She sheds neer for God. Jin Nano has shed neer. they rise above methods you in me You go full. I do not understand that your leela is wonderful, this noor is dedicated at your feet. Today, feet do not read on the ground. Today the heart is not in control, every beat of the heart calls out to you. You hide by giving me darshan and then you create sound. Jai Shri Ram Anita Garg
One Response
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