बंसी की धुन पे नाची रे राधा हो के दीवानी

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बंसी की धुन पे नाची रे राधा हो के दीवानी,
काहना के रंग रच गयी राधा रानी।
किसना के तन मन बस गयी रे राधा हो के दीवानी॥

मोहन के नैनो में भरी मधुशाला।
दो घुट आँखो से पी गयी रे, राधा हो के दीवानी॥

गिरधर मुरारी का चंदा सा मुखड़ा।
देखा तो सुध बुध खो गयी रे, राधा हो के दीवानी॥

मोर मुकुट धर सांवर सांवरिया।
बांकी सी चित हर गयी रे, राधा हो के दीवानी॥

माधव के माथे पे लत घुंघराली।
घुंघराली लत में सिमट गयी रे राधा हो गयी दीवानी॥

Nachi Re Radha Ho Ke Deewani on Bansi Ki Dhun,
Radha Rani composed the colors of Kahana.
Kisna ke tan man bas gayi re radha ho ke crazy.
The tavern filled in Mohan’s nano.
Ray drank with two suffocating eyes, Radha ho’s crazy.
Girdhar Murari’s face like a donation.
When I saw Sudh Budh got lost, Radha became crazy about her.
Peacock Mukut Dhar Sawar Saawariya.
Banki si chit har gayi re, Radha ho ke crazy.
The addiction curled on Madhav’s forehead.
Re Radha has become addicted to curly addiction.

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