रे भोले तेरी हरी भंगियाँ ये धीरे धीरे तड्पी जावे
ये लागे प्यारी प्यारी ये लागे प्यारी प्यारी,
जब इस भांग को पीता मेरा भोला भंडारी फिर मस्ती में नाचे और देखे दुनिया सारी,
और ओहिर कवाडिया काँधे कावड उठावे
ये लागे प्यारी प्यारी ये लागे प्यारी प्यारी,
सावन के महीने में जब जब भी कावड आवे,
नील कंठ पर्वत पे भोला मंद मंद मुसकावे,
भोले तेरी सूरतियाँ मेरे मन को बड़ी भावे,
ये लागे प्यारी प्यारी ये लागे प्यारी प्यारी,
तेरे डमरू की धुन सुन के हो गया मेहरा भी दीवाना तू मेरा मैं तेरा,
जाए भाड़ में सारा जमाना,
रे भोले तेरी हरी भंगिया पिके मस्ती छावे,
ये लागे प्यारी प्यारी ये लागे प्यारी प्यारी,
Re Bhole Teri Hari Bhangiya Yeh slowly get tired
Ye lage dear dear,
When my innocent Bhandari drank this cannabis, then danced in fun and saw the whole world,
And ohir kavadiya should lift kandhe kavad
Ye lage dear dear,
Whenever Kavad comes in the month of Sawan,
The innocent smile on the mountain of Neelkanth,
Innocent your faces make my heart feel great,
Ye lage dear dear,
After listening to the tune of your damru, you became mehra bhi crazy, you are my main tera,
Go to hell all the time,
Re Bhole Teri Hari Bhangiya Pick Masti Chhave,
Ye lage dear dear,