चन्दन का है पलना रेशम की है डोर,
वृंदावन में झुला झूले नटवर नन्द किशोर,
देख यशोदा मैया मन ही मन फुले
आज कन्हिया मेरा पलना में झूले
आज ख़ुशी छाई है गोकुल में चारो और
वृंदावन में झुला झूले नटवर नन्द किशोर,
थप के सुलाए मैया जपक के आंचल,
माथे पर टीका सोहे आँखों में काजल
सखिया देवे वधाईया यशोदा के कर जोर
वृंदावन में झुला झूले नटवर नन्द किशोर,
The thread of sandalwood is made of silk,
Natwar Nand Kishore swings in Vrindavan,
See Yashoda Maiya’s heart blossomed
Today Kanhiya swings in Mera Palna
Today there is happiness all around in Gokul
Natwar Nand Kishore swings in Vrindavan,
The lap of sleep of Maya Japak,
Tika on the forehead, mascara in the eyes
Sakhiya Deve Vadhaiya Yashoda’s tax emphasis
Natwar Nand Kishore swings in Vrindavan,