तर्ज – जहाँ डाल डाल पर सोने की
चन्द्रमा जिनका भाल सजाये और जटा में गंगा समाये
वो हैं भोले भंडारी ॥
तन पे अपने भस्म रमाये और गले में सर्प लिपटाये और गले में सर्प लिपटाये
सृष्टि की रक्षा हेतु पी गए जो विष भारी
वो है भोले भंडारी ॥
जब शिव शंकर का डमरू बजे , धरती और गंगन भी नाचे
संग में उनके गण भी नाचे ,नाचे सृष्टि सारी
वो है भोले भंडारी ॥
शिव शंकर की अजब है माया सरे जहाँ को मोह में रमाया
स्वयं के मन को मोह से बचके बन बैठे बैरागी
वो है भोले भंडारी ॥
Lines – where to put gold on
Whose spear the moon adorns and the Ganges in the hair
He is Bhole Bhandari.
Put your ashes on your body and wrap a snake around your neck and a snake around your neck.
The poison that was drank to protect the universe was heavy.
He is Bhole Bhandari.
When Shiv Shankar’s damru is played, the earth and Ganga also dance
His ganas also danced in the company, the whole world danced.
He is Bhole Bhandari.
Shiv Shankar’s wonder is Maya, where he was enamored
Becoming a hater by avoiding attachment to one’s own mind
He is Bhole Bhandari.