हर घडी याद तेरी आये सौतन बन के,
हो मैं फिरू श्याम तेरे नाम की जोगन बन के,
इक जमाना था भुलाना से चला आता था,
मुझको हर कण में तेरा नजर आता था,
टूट गई मैं तो तेरे चेहरे का दर्पण करके,
मैं फिरू श्याम तेरे नाम की जोगन बन के,
याद कर वाधा किया तूने यमुना तट पर,
जी सकेगा न कभी मुझसे तू दूर हटकर,
छल गया छलियाँ मुझको मेरा दुश्मन बन कर,
मैं फिरू श्याम तेरे नाम की जोगन बन के,
कांच के जैसे तूने दिल मेरा तोड़ दिया,
शीशे के जैसा मेरा दिल था तूने तोड़ दियां,
ऐसा लगदा है किसी और से दिल जोड़ लियाँ,
अब तो हर रात मुझे डॉस ती है नागिन बन कर
मैं फिरू श्याम तेरे नाम की जोगन बन के,
Every moment I remember you as my sister,
Ho Main Firu Shyam Tere Naam Ki Jogan Ke,
There was a time when I used to forget to forget,
I could see you in every particle,
I broke down by mirroring your face,
I become the jogan of your name, Phiru Shyam.
By remembering you made an obstacle on the banks of Yamuna,
You will never be able to live away from me,
I was deceived by becoming my enemy,
I become the jogan of your name, Phiru Shyam.
You broke my heart like a glass,
You broke my heart like a mirror,
It seems that I have joined my heart with someone else,
Now every night I dos ti hai by becoming a serpent
I become the jogan of your name, Phiru Shyam.