हो फागनियो आयो रे मन्दिर में बड गयो सांवरो
अपना ही भगता से देखो आज डर गयो सांवरो
गली गली में घूम रहा हां हाथा में ले पिचकारी
हिमत है तो मंदिर बाहर आ जा रे गिरधारी
कोई पहचाने ना ही ऐसी सूरत कर दा थारी
काहा बचे गो सांवरियां भगता री भीड़ है भारी
दोडो गबरायो रे मंदिर में बड गयो सांवरो
होली ऐसा खेलेगा देखे गी दुनिया सारी,
हाथ जोड़ ले कान पकड़ ले ना छोड़ा गिरधारी
छुटे नाही जन्म जन्म तक ऐसो रंग लगावा
राजी राजी बहार आजा तने ज्यदा नही सतावा
दोनों सम्जायो रे मंदिर में बड गयो सांवरो
भगता सगला रगड रगड कर कर दियो कालो पीलो.
कोई नही पिशाने जी गुण है श्याम रंगीलो
कुन मैं हु और कुन तू है अब भेद में क्यों है सारो
यो भी ऐसी होली खेली जन्म सुधर गयो म्हारो
मने आनदं आ गयो रे खाटू में मिल गयो सांवरो
अपना ही भगता सागे देखो नाच रहे है सांवरो
मने आनंद आ गयो रे खाटू में मिल गयो सांवरो
Bud gayo savro in ho fagniyo ayo re temple
Look at your own Bhagta, today you are scared.
Roaming in the street, yes, take the pitcher in the hand
If you have the courage, come out of the temple, re Girdhari.
No one recognizes or looks like this
Kaha Bache Go Saawariyaan Bhagata Ri The crowd is heavy
Bad Gayo Sanvaro in Dodo Gabrayo Re Temple
Holi will play like this, the whole world will see,
Join hands, hold ears, don’t leave Girdhari
Don’t leave until birth to paint like this
I agree, come back, don’t harass me much.
Both have grown up in the Samjayo Re temple.
Bhagta sagala rubbed kar kar diyo kalo peelo.
Shyam Rangilo is none other than Pishane Ji.
Why are you in difference now?
Yo also played Holi like this, the birth got better.
Maine aand aa gayo re khatu mein mil gayo savro
Look at your own bhagata sage, the samvaras are dancing
Mane aanand aa gayo re khatu mein mil gayo saavro