जब जब खाटू वाले के भगतो पे विपदा आई,
मोरछड़ी लहराई श्याम की मोरछड़ी लहराई,
कलयुग में इस मोरछड़ी की साँची है सखलाई,
मोरछड़ी लहराई श्याम की मोरछड़ी लहराई,
श्याम बहादुर दर्शन को जब खाटू मंदिर आये थे,
मंदिर के पट बंद पड़े श्री श्याम से अर्ज लगाए थे,
ताले खुल गये मंदिर की जब भगत ने टेर लगाई,
मोरछड़ी लहराई श्याम की मोरछड़ी लहराई,
आलू सिंह जी के हाथो में देखि हम ने मोरछड़ी,
बदली किस्मत की रेखा जिस के सिर पर ये है पड़ी,
मोरछड़ी की पाख पाख में श्याम की है परशाई,
मोरछड़ी लहराई श्याम की मोरछड़ी लहराई,
लीले पे असवार रहे हर पल मेरा श्याम धनि,
भक्तो के खातिर हाथो में थामे अपनी मोरछड़ी,
जिसने भी विश्वाश किया है उसने किरपा पाई,
मोरछड़ी लहराई श्याम की मोरछड़ी लहराई,
श्याम बने जब माझी तो ये मोरछड़ी पतवार बने,
सौरव मधुकर इक झाड़े से बिगड़ी हर इक बात बने,
श्याम सरकार की किरपा मोरछड़ी में समाई,
मोरछड़ी लहराई श्याम की मोरछड़ी लहराई,
Whenever there was a calamity on the people of Khatu,
Shyam’s peacock waved,
The mold of this peacock in Kaliyuga is Sakhlai,
Shyam’s peacock waved,
When Shyam Bahadur had come to Khatu temple for Darshan,
Had applied to Shree Shyam, who had closed the doors of the temple,
The locks of the temple were opened when Bhagat tirade,
Shyam’s peacock waved,
In the hands of Aloo Singh ji, we saw a peacock,
The line of fate changed on whose head it is lying,
Shyam has trouble in the eyes of the peacock,
Shyam’s peacock waved,
Every moment my shyam Dhani remained on the lele,
For the sake of the devotees, hold your peacock stick in your hands,
Whoever has believed, he has got a smirk,
Shyam’s peacock waved,
When Shyam became Majhi, this peacock became the rudder,
Sourav Madhukar became every thing spoiled by a bush,
The Kirpa of Shyam Sarkar is absorbed in the morchadi,
Shyam’s peacock waved,