जब तेहिं कीन्हि राम कै निंदा।
क्रोधवंत अति भयउ कपिंदा।।
हरि हर निंदा सुनइ जो काना।
होइ पाप गोघात समाना।।
कटकटान कपिकुंजर भारी।
दुहु भुजदंड तमकि महि मारी।।
डोलत धरनि सभासद खसे।
चले भाजि भय मारुत ग्रसे।।
गिरत सँभारि उठा दसकंधर।
भूतल परे मुकुट अति सुंदर।।
कछु तेहिं लै निज सिरन्हि सँवारे।
कछु अंगद प्रभु पास पबारे।।
आवत मुकुट देखि कपि भागे।
दिनहीं लूक परन बिधि लागे।।
की रावन करि कोप चलाए।
कुलिस चारि आवत अति धाए।।
कह प्रभु हँसि जनि हृदयँ डेराहू।
लूक न असनि केतु नहिं राहू।।
ए किरीट दसकंधर केरे।
आवत बालितनय के प्रेरे।।
जब उसने श्री रामजी की निंदा की, तब तो कपिश्रेष्ठ अंगद अत्यंत क्रोधित हुए, क्योंकि (शास्त्र ऐसा कहते हैं कि) जो अपने कानों से भगवान् विष्णु और शिव की निंदा सुनता है, उसे गो वध के समान पाप होता है।
वानर श्रेष्ठ अंगद बहुत जोर से कटकटाए किया उन्होंने तमककर जोर से अपने दोनों भुजदण्डों को पृथ्वी पर दे मारा। पृथ्वी हिलने लगी, जिससे बैठे हुए सभासद् गिर पड़े और भय रूपी पवन (भूत) से ग्रस्त होकर भाग चले।
रावण गिरते-गिरते सँभलकर उठा। उसके अत्यंत सुंदर मुकुट पृथ्वी पर गिर पड़े। कुछ तो उसने उठाकर अपने सिरों पर सुधाकर रख लिए और कुछ अंगद ने उठाकर प्रभु श्री रामचंद्रजी के पास फेंक दिए।
मुकुटों को आते देखकर वानर भागे। (सोचने लगे) विधाता! क्या दिन में ही उल्कापात होने लगा (तारे टूटकर गिरने लगे)? अथवा क्या रावण ने क्रोध करके चार वज्र चलाए हैं, जो बड़े धाए के साथ (वेग से) आ रहे हैं?
प्रभु ने (उनसे) हंसकर कहा- मन में डरो नहीं। ये न उल्का हैं, न वज्र हैं और न केतु या राहु ही हैं। अरे भाई! ये तो रावण के मुकुट हैं, जो बालिपुत्र अंगद के फेंके हुए आ रहे हैं।
दोहा-
तरकि पवनसुत कर गहे आनि धरे प्रभु पास।
कौतुक देखहिं भालु कपि दिनकर सरिस प्रकास।।
उहां सकोपि दसानन सब सन कहत रिसाइ।
धरहु कपिहि धरि मारहु सुनि अंगद मुसुकाइ।।
पवन पुत्र श्री हनुमान्जी ने उछलकर उनको हाथ से पकड़ लिया और लाकर प्रभु के पास रख दिया। रीछ और वानर तमाशा देखने लगे। उनका प्रकाश सूर्य के समान था।
वहां सभा में क्रोधयुक्त रावण सबसे क्रोधित होकर कहने लगा कि- बंदर को पकड़ लो और पकड़कर मार डालो। अंगद यह सुनकर मुस्कुराने लगे। ।। जय जय भगवान श्री राम ।।
When someone criticized Ram. Angry, very fearful, Kapinda.
Hari, listen to every condemnation. The sin is like killing a cow.
Katkatan Kapikunjar heavy. Duhu bhujdanda tamaki mahi mari.
Dolat Dharani councilor laughed. Let’s go and fear Marut.
Falling, he picked up the ten-headed man. The crown beyond the ground is very beautiful.
Take some of that to decorate your head. Some Angad came to the Lord.
The monkeys ran away after seeing the falling crown. Every day, looks become a matter of law.
That Ravana will get angry. Coolis chari avat ati dhaay.
Say, Lord, the heart of the heart of laughter is gone. Neither look nor form nor Ketu nor Rahu.
A crown from Daskandhar. Inspire of the recurring children.
When he condemned Shri Ramji, Angad, the best of the world, became very angry, because (the scriptures say that) one who hears the condemnation of Lord Vishnu and Shiva with his ears, commits a sin like slaughtering a cow.
Angad, the best monkey, roared very loudly and with great force he hit both his arms on the earth. The earth started shaking, due to which the sitting members fell down and ran away, overcome by the wind (ghost) of fear.
Ravana got up carefully while falling. Her extremely beautiful crown fell on the earth. He picked up some and kept them on his head and Angad picked up some and threw them to Lord Shri Ramchandraji.
Seeing the crowns coming, the monkeys ran away. (Started thinking) Creator! Did the meteor shower start happening during the day itself (shooting stars started falling)? Or has Ravana in anger fired four thunderbolts, which are coming with great speed?
The Lord laughingly said (to them) – Do not be afraid in your heart. These are neither meteors, nor thunderbolts, nor Ketu or Rahu. Hey brother! These are the crowns of Ravana, thrown by Bali’s son Angad.
Couplet- So that the wind spins and comes near the Lord. The bear and the monkey are looking at the curious light of the sun.
There Sakopi Dasanan all like saying angry. hold the monkey and kill him when he hears Angad smiling.
Pawan’s son Shri Hanumanji jumped and caught him with his hand and brought him and kept him near the Lord. The bears and monkeys started watching the show. His light was like the sun.
There in the meeting, angry Ravana started saying to everyone – Catch the monkey and kill it. Angad started smiling after hearing this. , Jai Jai Lord Shri Ram.