जिसकी चौखट पर झुकता ये संसार है
उसकी चौकठ के हम तो सेवादार है,
ये श्याम से प्रीत लगाने का उपहार है,
सेवादार है हम सेवादार है,
जो दीं दुखी होते है उनके दुःख दूर है करता,
जो खाली झोली लाये उनके भंडारे भरता,
लख लख कर देता ऐसा लख दातार है
सेवादार है हम सेवादार है,
कोई प्रेमी इनका हम को जब भी कही मिल जाता,
इक अनजाना प्यारा सा रिश्ता बन जाता,
अपनों से बढ़ कर मिलता उनसे प्यार है,
सेवादार है हम सेवादार है,
ये इक ही सच्चा द्वारा आलू सिंह जी ने बताया,
जो सच्चे मन से ध्यावे उस बाबा से मिलवाया,
कहे श्याम का किया या घर घर में प्रचार है,
सेवादार है हम सेवादार है,
On whose door is this world bowing
We are the servants of his square,
This is the gift of loving Shyam.
We are servants, we are servants,
Those who are sad, their sorrows are removed,
Whoever brings empty bags, fills their bhandaras,
It does lakhs of rupees.
We are servants, we are servants,
Whenever we could find a lover,
An unknown love becomes a relationship,
Love is greater than loved ones,
We are servants, we are servants,
Aloo Singh ji told it by this one true,
The one who meditated with a true heart was introduced to that Baba,
Say Shyam’s work or is there propaganda in the house,
We are servants, we are servants,