जो भी आता शरण में स्वीकार करते है
सब की अर्जी पे भोला विचार करते है,
शिव से ही रखना आस शिव पे करले विश्वाश,
बस शिव शिव भज जब तक है तन में आस,
जो भी करता भरोसा उसको पार करते है,
सब की अर्जी पे भोला विचार करते है,
देते है दुखो से प्राण मिले शांति निर्वाण,
मन की आँखों से देखा और शिव को पहचान,
सच्चे मन से को शिव की पुकार करते है,
उन की अर्जी पे भोला विचार करते है,
खाली झोली लेके आ और भर के घर जा,
जितना सोचा नहीं है उस से भी जयदा पा,
अन्न धन का भोले भंडार भरते है,
सब की अर्जी पे भोला विचार करते है,
Whosoever comes, accepts asylum
He considers everyone’s request naively,
Keep hope from Shiva, trust in Shiva,
Just as long as there is hope in the body,
Whoever trusts, crosses him.
He considers everyone’s request naively,
Gives life from sorrows, gives peace, nirvana,
Saw through the eyes of the mind and recognized Shiva,
Calling Shiva with a sincere heart,
He considers his request naively,
Come with an empty bag and go home full,
Get more than what you have not thought,
Food fills the gullible stock of wealth,
He considers everyone’s request naively,