कहाँ पे हैं मेरे घनश्याम राधा रो रो कहती है
राधा रो रो केहती है के राधा रो रो केहती है
सताए उनकी वो मुस्कान राधा रो रो केहती है,
कहाँ पे हैं मेरे घनश्याम राधा रो रो कहती है
वो मुरली याद आती है
यो राधा को सताती है
ना जाने है कहा गिरधर अब नही नींद आती है
रुलाये तन से निकले प्राण राधा रो रो कहती है
वो बातो बात में झगड़ा वो माखन का चुरा लेना,
ये राधा बुल न पाए सता कर वो मना लेना
न जाये दिल से उनकी याद
राधा रो रो कहती है
where is my ghanshyam radha cry cry
radha cry cry says radha cry cry
That smile of her tormenting Radha cries,
where is my ghanshyam radha cry cry
she misses murli
yo haunts radha
Don’t know where Girdhar can’t sleep now
Radha cry crying out from her body
The fight in those things, he steals the butter,
This Radha does not bully and convince her by persecuting her
Don’t miss his heart
radha cry cry