कही वो ही तो मेरा श्याम तो नही

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जिसके नैना हमें रोज लुबाते रहे पास भुलाते रहे,
कही वो ही तो मेरा श्याम तो नही,
जिस की गलियों में राधे राधे की हो जाये,
जय जय कार हो जाये कही वो ही तो मेरा श्याम तो नही,

जब भोर हुई तेरी बंसी सुनी,
मैं समजी सूरज की किरने चली,
रात की चांदनी का जब पहरा हुआ,
सोई कलियाँ फिर तो जगनी लगी,
जिसकी तान सुन बेचैन होते रहे,
चैन पाते रहे,
कही वो ही तो मेरा श्याम तो नही,

जिसने प्रेम से बांधा ये जग सारा उसका प्रेमी को है प्रेम हमारा,
एसे प्यार के सागर से प्यार करो,
ये राधा का होके भी है हमारा,
जिसके प्यार में धुबा ये ब्रिज सारा ये जग सारा,
कही वो ही तो मेरा श्याम तो नही…

जब झिलमिल सितारों की बारात सजे,
तेरी यमुना तले पनघट के तले,
मधुबन में रास होने लगे,
जब गोपियाँ पड़े तेरे गले धुन चूडियो की शन शनै लगे,
कही वो ही तो मेरा श्याम तो नही,

Whose Naina kept robbing us every day, kept forgetting nearby,
Somewhere he is not my shyam,
In whose streets Radhe becomes Radhe’s,
Jai jai kar ho jaye hai, he is the only one, not my shyam,
When the morning came, I heard your flute,
I understood that I went to the rays of the sun,
When the moonlight of the night was guarded,
The sleeping buds started waking up again,
Whose taunts kept getting restless to hear,
keep calm,
Somewhere he is not my shyam,
Whoever binds this world with love, his lover is our love,
love such an ocean of love,
This is Radha’s hoke as well as ours.
Whose love is covered in this bridge, this whole world, Sara,
Somewhere he is not my shyam…
When the procession of twinkling stars is decorated,
Under the rain of your Yamuna,
I started liking Madhuban.
When the gopis fall on your neck, the tunes of the bangles are silent,
Somewhere he is not my shyam,

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