कोई पंजाब से कोई अम्बाला से,
कोई पटना से कोई पतलिया से कावरियो की टोली आई,
कंधे पे उठा लो कंवार भाई,
भगती में सब झूमो गाओ,
ढोलक और मिरदंग बजाओ,
भोले का जेकरा लगाओ बस आगे को भड़ते जाओ,
पुरे रोहतक से पुरे हरयाणा से पुरे अमृतसर से पुरे गुर्गोउन से,
भगती की चले पुर्वाही,
कंधे पे उठा लो कंवार भाई…..
भोले अपनी खोलो कवाडिया खावर लेकर आये कावारिया,
धूम मची है तेरी नगरिया प्यासी है दर्शन को नजरिया,
पुरे मेरठ में पुरे चंडीगढ़ में पुरे बरेली में अलीघड में तुजसे ये लगन लगाई,
कंधे पे उठा लो कंवार भाई
Some from Punjab, some from Ambala,
Someone from Patna, a group of Kavario came from Pataliya,
Take it on the shoulder, Kanwar brother,
Sing all jhoomo in bhagati,
play dholak and mirdang,
Put on the innocent, just go ahead,
Entire Rohtak to Entire Haryana to Entire Amritsar to Entire Gurgoan,
Bhagti’s past,
Take it on the shoulder Kanwar brother…..
Kavariya, who is innocent, has brought Kavadia Khawar,
There is a lot of noise, your city is thirsty,
In the whole of Meerut, in the whole of Chandigarh, in the whole of Bareilly, in Alighad, you put this passion,
Take it on the shoulder Kanwar brother